आजकल मीडिया में शिक्षा के मंदिरों में छात्राओं के साथ कहीं शिक्षक तो कहीं प्रबंधक या अन्य कर्मचारियों द्वारा यौन शोषण किए जाने की खबरें पढ़ने को मिलती ही रहती है। समाज में यौन पीड़ित आसानी से बोलने को तैयार नहीं होते और अपने अपमान का घूट पीकर बैठ जाते है। शर्म या लोकलाज के चलते यह किसी से चर्चा ही नहीं करते। वरना इनमें और भी कई गुना बढ़ोतरी से इनकार नहीं किया जा सकता। हाथरस के पीसी बागला डिग्री कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डॉ. रजनीश छात्राओं के यौन शोषण करने के आरोप में घिरे हैं। कोतवाली हाथरस गेट पुलिस ने उसके खिलाफ दुष्कर्म सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। डॉ. रजनीश परीक्षाओं में नंबर बढ़वाने और नौकरी लगवाने के नाम पर छात्राओं को अपनी बातों में उलझा लेता था। प्रोफेसर खुद ही अपने मोबाइल से छात्राओं के वीडियो रिकॉर्ड करता था। प्रोफेसर के मोबाइल से करीब 59 वीडियो वायरल हुई हैं।
छात्राओं के यौन शोषण के आरोपों में घिरे पीसी बागला डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीश सिंह को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है। कॉलेज के सचिव ने इसका आदेश जारी किया बताते है। आदेश में उन्होंने कहा है कि कॉलेज के प्राचार्य महावीर सिंह छौंकर ने उन्हें बताया कि डॉ. रजनीश के खिलाफ थाना हाथरस गेट में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रथम दृष्टया यह प्रकरण काफी गंभीर है। इससे महाविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है।
इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ तमाम पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को भी गुमनाम पत्र भेजकर शिकायत की गई थी। इसमें पीसी बागला डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर रजनीश पर छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप लगाए गए थे। शिकायत के साथ 12 फोटो भी भेजे गए थे, जिनमें वह छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करता दिख रहा है। इनमें कुछ कॉलेज के ऑफिस के बताए जा रहे हैं। सीओ ने इसकी जांच की और फोटो में दिख रहीं छात्राओं के बारे में जानकारी करने की कोशिश की, लेकिन बताते हैं कि कॉलेज प्रशासन ने जांच में सहयोग नहीं किया।
एसपी ने इसकी जांच अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह से कराई। इसमें शिकायत के कुछ तथ्य सही पाए गए हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट एसपी को भेज दी है। यह प्रकरण सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
दरअसल, आठ मार्च को प्रोफेसर पर छात्राओं का यौन शोषण का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत की गई थी। यह शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो में पास कराने और नौकरी दिलाने के नाम पर छात्राओं का शोषण करने और वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि इस मामले की शिकायत कई बार कॉलेज की प्रबंध समिति के अध्यक्ष और प्रबंधक को भी दी गई है।
शिकायतकर्ता ने खुद की जान को खतरा बताते हुए अपना नाम और पता फर्जी बताया है। साथ ही कहा है कि शिकायत के साथ आरोपी प्रोफेसर के कुछ आपत्तिजनक फोटो भी भेजे गए हैं। प्रोफेसर का कहना है कि 18 माह से यह मामला चल रहा है। तीन शिकायतें हो चुकी हैं। पहली शिकायत फर्जी पाई गई। दूसरी शिकायत गुमनाम थी। अब तीसरी शिकायत की जानकारी मिल रही है। मामले की जांच डीएम स्तर, मंडल स्तर, सीओ, डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन कर चुके हैं।
अश्लील वेबसाइटों पर छात्राओं के वीडियो अपलोड करता था प्रोफेसर
खबर के अनुसार हाथरस में पीसी बागला डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रभारी डॉ. रजनीश की छात्राओं के साथ जो अश्लील वीडियो सामने आई हैं, वह प्रोफेसर ने खुद अपने मोबाइल से ही रिकॉर्ड की थीं। ऐसे लगभग 59 वीडियो मिले हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इनमें से कुछ वीडियो उनके द्वारा अश्लील वेबसाइट्स पर भी अपलोड की गई हैं। पुलिस आरोपी प्रोफेसर की तलाश कर रही है। एसपी हाथरस ने इस मामले की जांच के लिए तीन टीमों का गठन कर दिया है। कॉलेज प्रशासन ने प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है। करीब एक महीने पहले केंद्रीय महिला आयोग सहित तमाम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के पास एक गुमनाम शिकायती पत्र भेजा गया था। इसमें पीसी बागला डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कालेज के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर डॉ. रजनीश के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया गया था। कुछ दिनों तक सीओ सिटी ने इस शिकायती पत्र को लेकर जांच पड़ताल की।
कई लोगों से बुलाकर जानकारी की। पुलिस के पास शिकायती पत्र के साथ करीब बारह फोटो भेजे गए थे। इसमें से कुछ फोटो कॉलेज के अंदर के ऑफिस के हैं। बताया जा रहा है कि इन फोटो में प्रोफेसर डॉ. रजनीश कॉलेज की छात्राओं के साथ अश्लीलता करता दिख रहा है।
एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने इस मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह से कराई। एएसपी को जांच के दौरान शिकायत में कुछ तथ्य सही मिले। उन्होंने अपनी रिपोर्ट एसपी को भेज दी। पुलिस ने इस मामले के वायरल होने के बाद हाथरस गेट कोतवाली के औद्योगिक चौकी इंचार्ज सुनील कुमार की ओर से प्रोफेसर डॉ. रजनीश के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। अब पुलिस आरोपी प्रोफेसर की तलाश कर रही है। यह प्रकरण राष्ट्रीय महिला आयोग पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचा तो संबंधित प्रोफेसर चीफ प्रॉक्टर डॉ. रजनीश को कॉलेज से निलंबित करने के साथ उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया लेकिन जो नई घटनाएं सुनने को मिल रही है उससे ऐसा लगता है कि यह कार्रवाई उसकी पूर्ण सजा नहीं है। मेरा मानना है कि अगर आरोप सही प्रतीत होते हैं तो उसे समय से पूर्व सेवानिवृति दी जाए और उसके रिकॉर्ड में उसकी करतूत का विवरण हो जिससे आरोपी कहीं और नौकरी ना कर पाए। पीड़ित द्वारा मैनेजमेंट से शिकायत करे तो उसे गंभीरता से ज्यदातार मामलों में नहीं लेता। इसलिए यौन उत्पीड़न की खबरें मिलती हैं तो वो स्कूल हो या कॉलेज उनकी प्रबंध कमेटियेां से भी जवाब तलब किया जाए कि ऐसे प्रकरण रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाएं। हर शिक्षा संस्थान में कम से कम तीन माह में एक बार मनोवैज्ञानिक परीक्षण की व्यवस्था हो और स्कूल के समय एक डॉक्टर वहां रहे। अब कोई स्कूल शिक्षा के मंदिर तो रहे नहीं 90 प्रतिशत शिक्षा की दुकान बन चुके हैं तो स्कूल संचालकों को बच्चों और अभिभावकों के सम्मान की बात तो सोचनी पड़ेगी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षकांें के टयूशन पढ़ाने पर अगर रोक लगाई जाए तो छात्र-छात्राओं के उत्पीड़न पर रोक लग सकती है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक को समय से पूर्व दी जाए सेवानिवृति, कॉलेज प्रबंधक भी समय से निभाएं जिम्मेदारी, शिक्षकों के टयूशन पढ़ाने पर लगे रोक
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