होली पर हमेशा एक बात सुनते चले आ रहे हैं कि मुस्लिम नेताओं द्वारा कहा जाता है कि रंग गुलाल से कौम के लोगों को बचना चाहिए। ऐसा क्यों है यह तो वो ही जान सकते हैं मगर जब हिंदू इस प्रकार की बात करते हैं तो यह लगता है कि किसी को बुरा ना लगे भाईचारा शांति बनी रहे और क्योंकि हम सभी धर्मों का सम्मान करने वालों में शुमार हैं इसलिए भी शायद होता हो। लेकिन वर्तमान में कई मुस्लिम नेता या आम नागरिक भी भाईचारा मजबूत करने आदि की मंशा रहे क्या पहले से ही रंग गुलाल लगाकर हिंदुओं के साथ होली खेलने में पीछे नहीं रहते। ताजा मामला सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के होली खेलने का है। क्योंकि इमरान मसूद के ऐसा करने के बाद यह नसीहत सामने आई कि वो ऐसा काम ना करे जो शरीयत के खिलाफ हो। इस पर सांसद इमरान मसूद का कहना है कि उन्हें उनके और अल्लाह के रिश्ते में किसी की दखलअंदाजी की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि दोनो ही अपने हिसाब से सही होंगे लेकिन एक सांसद होने के नाते भाईचारा और एकता को मजबूत करने में इमरान मसूद द्वारा जो किया और कहा गया वैसा करने का अधिकार सबको है। अन्य नेताओं को भी समाजहित में इमरान मसूद का अनुसरण करने में पीछे नहीं रहना चाहिए। वो भी ऐसे में जब बहुसंख्यक समुदाय के लोग ईद कंधे से कंधा मिलाकर मुस्लिमों के साथ मनाते हैं और ज्यादातर कार्यक्रमों में शामिल होते हैं तो होली मनाने वालों का विरोध भी क्यों।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सही सोच से अच्छा संदेश दे रहे हैं इमरान मसूद
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