केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना जबसे शुरू हुई विपक्षी दलों द्वारा उसमें कमियां निकालकर उसे नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ बताते हुए उसका निरंतर विरोध किया जा रहा है जिसके तहत देशभर में उसकी कमियां गिनाते हुए धरना प्रदर्शन और आंदोलन चलाए जा रहे हैं लेकिन यह आश्चर्य का विषय है कि विपक्ष के साथ ज्यादातर मामलों में खड़े रहने वाले लोग भी अग्निवीर योजना में साथ नहीं चल पा रहे है। परिणामस्वरूप वृहद स्तर पर शुरू हुआ आंदोलन अब बयानों में सिमट गया।
मैं कोई भाजपा समर्पित नेता या प्रवक्ता नहीं हूं लेकिन सही बात कहने से चूकना नहीं चाहिए। इसलिए एक बात विश्वास से कही जा सकती है कि इस योजना से युवाओं का भविष्य अंधकार मय हो रहा होता तो उसके विरोध में चले आंदोलनों को युवाओं का समर्थन मिलता। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी साहब का कहना है कि इंडिया की सरकार बनी तो खत्म कर देंगे अग्निवीर योजना। बीते दिनों 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी के मेरठ में युवा संसद कार्यक्रम में जयंत चौधरी ने स्पष्ट कहा कि संसद सदस्य बनने की उम्र 21 साल की जाएगी। और मोदी सरकार दो करोड़ नौकरियां देने में विफल रही है। पीएम मोदी की गारंटी की बात झूठी है। युवाओं को रोजगार की जरूरत है इसलिए गठबंधन की सरकार बनते ही अग्निवीर योजना खत्म कर देंगे।
पीलीभीत से भाजपा सांसद और मुखर वक्ता वरूण गांधी ने गत दिवस अपने क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे के समय क्षेत्र के गांव सिमरिया में अग्निवीर योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि पांच साल बाद गांवों में बेरोजगार घुमेंगे अग्निवीर। मैं वरूण गांधी और जयंत चौधरी के कथन का विरोध तो नहीं कर रहा हूं लेकिन मेरा मानना है कि हम जब हमारा बच्चा इंटर पास करता है तो उसे अच्छी नौकरी मिले और वो हर क्षेत्र में कामयाब हो इसके लिए पढ़ने और प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु विभिन्न कॉलेजों में मोटी रकम खर्च कर भेजते हैं। लेकिन यह गारंटी तब भी नहीं होती कि वो शिक्षा प्राप्त करते ही नौकरी पा जाएंगे। तो फिर अग्निवीर योजना के तहत तो सरकार बिना कोई फीस लिए अच्छा प्रशिक्षण दे रही है और पूरा होने पर कुछ प्रतिशत को नौकरियां देने के साथ एकमुश्त रकम दिए जाने की बात भी सुनी जाती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि स्कूली पढ़ाई के मुकाबले अग्निवीर योजना में जो प्रशिक्षण दिया जाएगा अगर उसे प्राप्त करने वाले युवा मजबूत इरादों के मालिक हैं तो कहीं ना कहीं उन्हें योग्यता के अनुसार नौकरी मिलेगी ही। इसके अलावा वो खुद अपने भी प्रशिक्षण केंद्र खोल सकते हैं या इससे संबंध सामान का व्यापार शुरू कर सकते हैं और अन्य युवाओं को भी स्वालंबी बनाने में भूमिका निभा सकते हैं। शायद इसीलिए विपक्षी दलों के आंदोलन को युवाओं और उनके परिजनों का समर्थन लंबे समय तक नहीं मिल पाया। वैसे तो पीएम मोदी व योगी सरकार रोजगार के लिए कई अभियान चला रही है। लेकिन मैंने देखाा है कि जिसमें कुछ करने की इच्छा है। वो किसी की सहायता और समर्थन का मोहताज नहीं रहता है और उसे कामयाबी हासिल करने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती इसलिए मुझे लगता है कि अग्निवीर योजना इतनी बुरी भी नहीं है जितना उसे सिद्ध करने की कोशिश की जा रही है। अच्छा तो यह है कि जयंत चौधरी व वरूण गांधी अग्निवीर योजना में प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अपने काम करने के लिए साधन उपलब्ध कराने की कोशिश करें। वो ही इनके हित में ठीक होगा।
जयंत चौधरी और वरूण गांधी बताएं अग्निवीर योजना में प्रशिक्षण प्राप्त युवा क्यों घूमेंगे बेरोजगार
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