asd कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को मिला चार प्रतिशत आरक्षण

कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को मिला चार प्रतिशत आरक्षण

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बेंगलुरु 08 मार्च। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने शुक्रवार को सरकार का बजट पेश किया। सीएम ने बजट में मुस्लिमों के लिए कई घोषणाएं की। सीएम ने एलान किया कि सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों में से 4 प्रतिशत अब श्रेणी-II बी के तहत मुसलमानों के लिए आरक्षित होंगे।

यह आरक्षण अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के अलावा है। कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड के तहत औद्योगिक स्थल आवंटन में, 20 प्रतिशत भूमि श्रेणी-1, 2A और 2B समुदायों के लिए आरक्षित होगी।

भाजपा ने इन उपायों की आलोचना करते हुए उन्हें तुष्टीकरण करार दिया। एक्स पर एक पोस्ट में, भाजपा ने बजट को “हलाल बजट” कहा, जो तुष्टीकरण के चरम पर होने का सुझाव देता है। पार्टी ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें मुस्लिम समुदाय को लाभ पहुंचाने वाले प्रावधानों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है, जबकि एससी, एसटी और ओबीसी जैसे अन्य हाशिए पर पड़े समूहों की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है।

सिद्धारमैया ने 2025-26 के बजट में अल्पसंख्यकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। सरकार ने कहा कि मुस्लिम लड़कियों के लिए 15 महिला कॉलेज खोले जाएंगे। इसका निर्माण वक्फ बोर्ड की ही जमीन पर किया जाएगा, लेकिन सरकार इस पर पैसा खर्च करेगी।

मुस्लिमों पर बरसाए पैसे
मुस्लिम समेत अल्पसंख्यकों की शादियों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता।
वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार 150 करोड़ रुपये देगी।
मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 50 लाख रुपये।
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में नए आईटीआई कॉलेज की स्थापना, केईए के तहत मुस्लिम छात्रों के लिए 50 प्रतिशत शुल्क रियायत दी जाएगी।
इसके अलावा, उल्लाल शहर में मुस्लिम लड़कियों के लिए आवासीय पीयू कॉलेज, मुस्लिम छात्रों के लिए राष्ट्रीय और विदेशी छात्रवृत्ति में वृद्धि, अतिरिक्त इमारतों के साथ बेंगलुरु के हज भवन का विस्तार, मुस्लिम छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

ये बड़े फैसले भी लिए गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक के मल्टीप्लेक्स में मूवी टिकट की कीमत 200 रुपये होगी।
मेट्रो नेटवर्क का केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक विकास किया जाएगा।
नाबार्ड के सहयोग से मैसूर में रेशम कीट बाजार की स्थापना होगी। वहीं, शहरी विकास के लिए महानगर पालिका को 2 हजार करोड़ का आवंटन किया गया।

सिद्धारमैया ने भाजपा की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों में बौद्ध, जैन, सिख और ईसाई शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईसाईयों के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट का आकार 4.09 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 4,500 करोड़ रुपये अल्पसंख्यकों के लिए आवंटित किए गए हैं। सिद्धारमैया ने भाजपा की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए उन्हें “सड़ा हुआ मानसिकता” बताया।

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