मेरठ 05 मार्च (प्र)। अब प्राइवेट अस्पतालों के माध्यम से भी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बन सकेंगे। प्रमाणपत्र जारी करने वाले अस्पतालों ने अगर लापरवाही की तो सख्त कार्रवाई होगी। शासन से जारी गाइडलाइन के अनुसार 31 मार्च तक सभी निजी अस्पतालों को प्रमाणपत्र जारी करने की तैयारी करनी होगी। पुराने प्रमाणपत्र को बनवाने के लिए एसडीएम के आदेश की जरूरत नहीं होगी। आवेदक सीधे ऑनलाइन आवेदन कर प्रक्रिया पूरी कर सकेगा।
अस्पताल में कर्मचारी होगा नियुक्त: निजी अस्पतालों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का रिकॉर्ड रखने को कर्मचारी नियुक्त करने होंगे। नगर निगम में सारा रिकार्ड ऑनलाइन और ऑफलाइन जमा करना होगा। जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र प्रभारी अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार ने बताया सभी दस्तावेज अस्पताल फीड करेंगे। प्राइवेट अस्पतालों में आवेदन और प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रमाणपत्र नगर निगम के अधिकारी ही जारी करेंगे। अभी कुछ अस्पतालों को निगम से कोड जारी कर मृत्यु, जन्म प्रमाणपत्र आवेदन करने की अनुमति दी हुई है।
क्यूआर कोड से होगा वेरीफिकेशन
जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र में क्यूआर कोड भी लगा मिलेगा। इसकी सत्यता की जांच भी इसी से होगी। जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बनाए जाने को लेकर लापरवाही न बरते जाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।
अभी यहां बनते हैं प्रमाणपत्र
नगर निगम मुख्यालय घंटाघर, शास्त्रीनगर बी-ब्लॉक सामुदायिक केंद्र निगम कार्यालय, कंकरखेड़ा स्थित निगम कार्यालय पर जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों के लिए इलाकों के हिसाब से आवेदन किया जाता है।
लोगों को मिलेगी राहत
सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया का कहना है कि जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए निजी अस्पतालों के माध्यम से आवेदन की नई व्यवस्था से लोगों को राहत मिलेगी। प्रमाणपत्र जारी करने में परेशानी होने की लगातार शिकायत मिलती है।