अहमदाबाद 01 मार्च। भारत में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है। मंबई से अमदाबाद के बीच प्रस्तावित पहली हाई स्पीड ट्रेन की राह आसान हो चली है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार (1 मार्च) को बताया कि बुलेट ट्रेन के लिए 508 किलोमीटर लंबा हाईस्पीड ट्रैक तैयार कराया जा रहा है। 360 किमी का काम लगभग पूरा हो गया है। जल्द ही शेष काम पूरा कर बुलेट ट्रेन शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसे पूरा करने में ढाई वर्षों की देरी महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने की वजह से हुई है। हालांकि, अब महाराष्ट्र में भी हाईस्पीड ट्रैक निर्माण तेजी से चल रहा है।
इस बीच, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने शनिवार को “पहली बार” मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना का निरीक्षण किया और भारत के बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इस पहल की सराहना की।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव शनिवार को अहदाबाद में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। इस दौरान मीडिया को बताया कि 360 किलोमीटर हाईस्पीड ट्रैक का काम पूरा कर लिया गया है। उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा अनुमति न दिए जाने के कारण ढाई साल का जो नुकसान हुआ है, हम उसकी भरपाई करने में लगे हैं। महाराष्ट्र खंड में भी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। करीब 2 किलोमीटर समुद्र के नीचे सुरंग बनाई गई है।
बुलेट ट्रेन शुरू होने से अहमदाबाद से मुंबई का सफर काफी आसान हो जाएगा। दोनों शहरों के बीच करीब 521.2 km का सफर महज 3 से 3.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए गुजरात में 260 मीटर लंबा प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट पुल कंपलीट कर लिया गया है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन देश का पहला हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर है। यह कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है। इस परियोजना की लागत करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन परियोजना में हो रही देरी की वजह से इसकी लागत बढ़ती जा रही है।
मुंबई से अहमदाबाद तक चलने वाली बुलेट ट्रेन के रेल मार्ग पर 13 नदियां पड़ रही हैं, जिनके ऊपर पुल बनाए गए हैं। पांच स्टील पुल और दो पीएसएसी पुल के माध्यम से कई रेलवे लाइनों और राजमार्ग को पार किया गया है। गुजरात में ट्रैक निर्माण कार्य तेजी से आग बढ़ चुका है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 11 जनवरी 2025 तक 253 किमी वायाडक्ट, 290 किमी गर्डर कास्टिंग के अलावा 358 किमी पियर का काम पूरा हो चुका है। इस रेल मार्ग पर लगभग 112 किमी के हिस्से में नॉइज बैरियर लगाए गए हैं।
महाराष्ट्र में बीकेसी और ठाणे के बीच 21 किमी का सुरंग का काम निर्माणाधीन है। एनएटीएम के माध्यम से महाराष्ट्र के पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। गुजरात के वलसाड में एक पर्वतीय सुरंग बनकर तैयार है। साल 2026 में बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने की संभावना है।