दो जुलाई 2024 को हाथरस में विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ में मारे गए 121 लोगों और अनेकों के घायल होने की घटना मंे बाबा को क्लीन चिट दिए जाने की बात नागरिकों के गले नहीं उतर रही थी कि एक खबर पढ़ी की कि इस भगदड़ के लिए एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को दोषी मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। क्या करना है क्या नहीं यह देखना सरकार का काम है। न्यायिक जांच आयोग की जांच के बाद यह हो रहा है। टिप्पणी करना भी उचित नहीं है। अगर ऐसे मामलों में सिर्फ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को ही दोषी ठहराकर मामले की इतिश्रि की जाएगी तो भविष्य में इसके परिणाम शायद अच्छे नहीं होंगे क्योंकि सब समझते हैं कि जब ऐसेे बड़े आयोजन होते हैं तो इस चक्कर में कि कोई परेशाना ना हो अंगुली पर गिने जाने वाली लगी फोर्स और निर्णय लेने में परेशानी महसूस करने वाले अफसर आयोजकों की निरंकुशता के सामने मजबूर हो जाते हैं। हंगामा होता है तो भी दोष अफसरों पर ही आता है। आयोग में शामिल आईपीएस भावेश कुमार सिंह आदि ने क्या देखा जो सिर्फ एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को दोषी मान लिया। मुझे लगता है कि एक बार इसकी जांच फिर से हो। जो जांच हुई है उस पर मुझे कोई संदेह नहीं है लेकिन कुछ बिंदुओं पर खोज के बाद समीक्षा फिर हो यह वक्त की बड़ी मांग भी कही जा सकती है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
हाथरस भगदड़ मामले की हो दोबारा जांच
0
Share.