नई दिल्ली 21 फरवरी। यदि आपकी उम्र 30 वर्ष या उसे अधिक है और कोई आपके घर का दरवाजा खटखटाकर स्वास्थ्य जांच कराने के लिए कहे तो जनाब घबराएं कतई नहीं। असल में यह बिना बुलाए मेहमान विशेष रूप से प्रशिक्षित आशा वर्कर या एएनएम या फिर फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर हैं जोकि आपका स्वास्थ्य जांचने आए हैं कि कही आप ब्लड प्रेशर, मधुमेह या मुंह, स्तन या सर्विकल कैंसर के शिकार तो नहीं हैं।
असल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को गैर-छुआछूत के रोगों और सामान्य कैंसर का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर 30 वर्ष और इससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की 100 प्रतिशत जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। यह अभियान 20 फरवरी से 30 मार्च तक चलेगा।
अभियान का उद्देश्य गैर-छुआछूत रोगों (एनसीडी) के साथ मुंह, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जल्द पहचान करके समय पर इलाज सुनिश्चित करना है। इसे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) और देशभर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में राष्ट्रीय गैर-छुआछूत रोग रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत चलाया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति जैसे बीपी मानिटर, ग्लूकोमीटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच, उपचार और फॉलोअप का डाटा प्रतिदिन एनपी-एनसीडी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
इसके अलावा, अभियान के निर्बाध क्रियान्वयन के लिए प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रतिदिन शाम छह बजे तक मंत्रालय को अपडेट प्रदान करेंगे, जिससे निरंतर निगरानी और तकनीकी सहायता मिल सकेगी।