चेन्नई 21 फरवरी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के चेन्नई जोनल कार्यालय ने फिल्म निर्देशक एस. शंकर की 10.11 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है. यह कार्रवाई सोमवार (17 फरवरी, 2025) को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई.
ईडी की जांच 2011 में दर्ज एक शिकायत के आधार पर शुरू हुई थी. शिकायत दर्ज कराने वाले और कोई नहीं, बल्कि लेखक आरूर तमिलनादन हैं. लेखक आरूर तमिलनादन ने आरोप लगाया था कि सुपरहिट फिल्म ‘एंथिरन’ (रोबोट) की कहानी उनकी लिखी कहानी ‘जिगुबा’ से चुराई गई है. यह मामला 13वें मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट, एग्मोर, चेन्नई में दर्ज हुआ था.
तमिलनाडन ने उनपर ये आरोप लगाया कि ‘एंथिरन’ में उनकी कहानी ‘जिगुबा’ से काफी समानताएं हैं और उन्होंने शंकर पर कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
तमिलनाडन की शिकायत के बाद, ईडी ने मामले के वित्तीय पहलुओं की जांच शुरू की। अपनी जांच के दौरान, एजेंसी ने अपनी छानबीन में पाया कि शंकर को ‘एंथिरन’ पर अपने काम के लिए 11.5 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें कहानी के डेवलपमेंट, स्क्रिप्ट, डायलॉग और निर्देशन शामिल थे। इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब ‘फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ (FTII) की एक इंडिपेंडेंट रिपोर्ट ने ‘जिगुबा’ और ‘एंथिरन’ के बीच अहम समानताओं पर बातें की। रिपोर्ट ने कहानी, किरदारों के डेवलपमेंट और थीम को लेकर एक जैसा होने की ओर इशारा किया, जिससे तमिलनाडन के साहित्यिक चोरी के दावों को बल मिला।
बता दें कि ‘एंथिरन’ अपने समय की बेहतरीन फिल्मों में से एक रही और तकनीकी रूप से ये शानदार फिल्म रही थी। रजनीकांत और ऐश्वर्या राय की लीड रोल वाली इस साई-फाई फिल्म का निर्देशन शंकर ने किया था और यह दुनिया भर में 290 करोड़ रुपये की कमाई के साथ एक बड़ी हिट साबित हुई थी। इस फिल्म की सफलता ने शंकर की भारत के बेहतरीन निर्देशकों में से एक के रूप में ला खड़ा किया, लेकिन साहित्यिक चोरी के विवाद ने उनकी इस विरासत पर ग्रहण लगा दिया है।