रांची 20 फरवरी। सीबीएसई ने अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत वर्ष 2026 से 10वीं के लिए वर्ष में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं होंगी।
सीबीएसई 2026-27 के सत्र से संबद्ध 260 विदेशी स्कूलों के लिए एक वैश्विक पाठ्यक्रम भी तैयार करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस निर्णय पर चर्चा की गई है।
बैठक में सीबीएसई, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) और नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
सीबीएसई के अधिकारी ने बताया कि स्टूडेंट्स के लिए तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण बनाने की पहल की गयी है. इस पहल के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सोमवार को सीबीएसई ने साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने का प्रेजेंटेशन दिया था. धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर लिखा है कि ‘छात्रों के लिए तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण बनाना सरकार का एक महत्वपूर्ण फोकस रहा है. परीक्षा सुधार और सुधार इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
इसे एक कदम आगे बढ़ाते हुए वर्ष में दो बार सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने पर सचिव स्कूल शिक्षा, सीबीएसई अध्यक्ष और मंत्रालय और सीबीएसई के अन्य अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया. इन विचार-विमर्शों की मसौदा योजना जल्द ही सीबीएसई द्वारा सार्वजनिक परामर्श के लिए रखी जायेगी. यह सुधार एनइपी के प्रमुख प्रावधानों के कार्यान्वयन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है और छात्रों के बीच परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने में मदद करेगा.
वैश्विक पाठ्यक्रम में होंगे मुख्य भारतीय विषय
सीबीएसई अपने से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के लिए एक वैश्विक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
वर्ष 2026-27 में लागू होने वाले इस पाठ्यक्रम में वैश्विक रूप से प्रासंगिक विषयवस्तु के साथ मुख्य भारतीय विषय भी शामिल किए जाएंगे।