मेरठ 17 फरवरी (प्र)। बरसों से वीरान पड़े प्रेस क्लब में गत दिवस एक बार फिर पत्रकारों की आवाजें गूंजी और चहलपहल नजर आई। मेरठ प्रेस क्लब में मेरठ से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों के संपादको तथा ब्यूरो चीफ की बैठक हुई। जिसमें दो दर्जन से भी ज्यादा पत्रकार संपादक शामिल हुए।
इस मौके पर मेरठ के पत्रकारों की समस्याओं पर चर्चा की गई तथा निर्णय लिया गया कि पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए एक नए संगठन का गठन किया जाएगा, जिसमें मेरठ से प्रकाशित होने वाले सभी समाचार पत्रों को जोड़ा जाएगा। तय किया गया कि अगले रविवार दिनांक 23 फरवरी 2025 को प्रेस क्लब/मीडिया सेंटर में संगठन की दूसरी बैठक होगी। जिसमें संस्था के नाम तथा कार्यवाहक कार्यकारिणी का गठन पर निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने नई संस्था के गठन तथा उसके प्रारूप के बारे में अपने विचार एवं सुझाव रखे। बैठक में इंद्र मोहन आहूजा (युवा रिपोर्टर), रवि कुमार बिश्नोई (केसर खुशबू), दिनेश चन्द्रा ( नेशन 27), मुकेश गोयल (दैनिक हिंदू), विकास त्यागी(यूरेशिया), संजीव शर्मा ( धारा न्यूज़), लविंद्र भूषण शर्मा (लविंद्र टाइम्स), बीके शर्मा (वैभव टाइम्स), नरेंद्र शर्मा (अपराध क्यों), अतुल माहेश्वरी (आज का बुलेटिन) हशमे आलम (जन माध्यम), बीके गुप्ता (अग्रिम टाइम्स), लोकेश कुमार (मवाना टाइम्स), राजेंद्र प्रताप चौहान, जाहिदा खान (रुस्तम ए खबर), रीदा खान (जय भारत दर्शन), पूजा रावत (पब्लिक जजमेंट), युसूफ खान (मुंसिफ टीवी) शाह फिरोज (पुलिस मॉनिटर), नवीन मिश्रा (स्मार्ट विज़न), आसिफ वारसी (वारसी न्यूज़ टुडे) अक्षांश भारद्वाज (गुणवानी), तरुण आहूजा, नौशाद सैफी, मो० सुल्तान, शकील जिया, एस आर अली (यू पी टाइम्स), संदीप चौधरी आदि उपस्थित रहे।
बताते चले कि पिछले 13 वर्षों से बंद पड़े प्रैस क्लब में मेरठ के पत्रकारों के लिए जिला प्रशासन द्वारा मंगल पांडे नगर स्थित मीडिया सेंटर बनाया गया था। जनवरी 2008 में मेरठ प्रेस क्लब नाम की संस्था को यह भवन अस्थाई रूप से अपना कार्य करने के लिए दिया गया था।
13 अप्रैल 2008 को मेरठ प्रेस क्लब के चुनाव हुए और संस्था के सदस्य पत्रकारों द्वारा 15 सदस्य कार्यकारिणी चुनी गई। जिसका कार्यकाल 2 वर्ष का था। 2010 में चुनी हुई कार्यकारिणी कालातीत हो गई, लेकिन सदस्यता का निर्धारण न होने के कारण अगले चुनाव नहीं हो सके। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा एक वरिष्ठ पत्रकार को मेरठ प्रेस क्लब का कार्यवाहक अध्यक्ष/ प्रशासक नियुक्त किया गया, लेकिन उनके द्वारा भी सदस्यता का निर्धारण न हो पाने के कारण ना तो प्रेस क्लब के चुनाव हो सके और ना ही उसकी देखरेख। जिसके चलते आज प्रेस क्लब जर्जर अवस्था में खड़ा है। उसमें सुधार हेतु प्रयास शुरू हुए।