अमृतसर 17 फरवरी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोमवार को धार्मिक विवाद के चलते इस्तीफा दिया.
एसजीपीसी ने हाल ही में तख्त दमदमा साहिब, तलवंडी साबो के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटा दिया था. अकाल तख्त साहिब जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का विरोध किया है. इस बीच अब हरजिंदर सिंह धामी ने इस्तीफा दे दिया है.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष धामी ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के सम्मान में उन्होंने त्यागपत्र दिया है। उन्होंने कहा कि नैतिक तौर पर एसजीपीसी को सिंह साहिबान के मामलों की जांच का पूरा अधिकार है लेकिन क्योंकि ज्ञानी रघवीर सिंह ने यह कहकर एतराज जताया है कि एसजीपीसी को सिंह साहिबान की बैठक का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए वे नैतिक तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। यह इस्तीफा उन्होंने एसजीपीसी कार्यकारिणी को भेज दिया है।
हरजिंदर धामी निरंतर 29 नवंबर 2021 से इस पद पर विराजमान रहे हैं। हर साल नवंबर में प्रधान के होने वाले चुनाव के तहत वे हैट्रिक बना चुके हैं। बतौर प्रधान यह उनकी चौथी सालाना टर्म है। एसजीपीसी कार्यकारिणी अब बैठक कर धामी के इस्तीफे को स्वीकार करने या नहीं स्वीकार करने को लेकर फैसला लेगी। धामी ने पत्रकारों के समक्ष इस्तीफा देने की घोषणा के बाद कोई भी बातचीत करने से इनकार कर दिया और तुरंत लौट गए।
बताते चले कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवा समाप्ति पर जत्थेदार रघबीर सिंह के फेसबुक पर 13 फरवरी के पोस्ट का हवाला देते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने लिखा था कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाना ‘बेहद निंदनीय’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है. अमृतसर में उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधान (एसजीपीसी का अध्यक्ष) होने के नाते जिम्मेदारी लेता हूं और नैतिक आधार पर तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा देता हूं.’’ उन्होंने कहा, ”अकाली दल ने मुझे बहुत बड़ा सम्मान दिया है, मुझे टोहड़ा जी के साथ काम करने का मौका दिया. लगातार चार साल मुझे एसजीपीसी अध्यक्ष के पद से सम्मान दिया. मैं अकाली दल के नेताओं और अधिकारियों का धन्यवाद करता हूं. अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो मैं सभी से माफी मांगता हूं.”