asd है अच्छी खबर! पार्ट टाइम पीएचडी कर ले सकते हैं डिग्री, उच्च स्तरीय शिक्षा के प्रदेश में खुलेंगे द्वार

है अच्छी खबर! पार्ट टाइम पीएचडी कर ले सकते हैं डिग्री, उच्च स्तरीय शिक्षा के प्रदेश में खुलेंगे द्वार

0

शिक्षा में सुधार गुणवत्ता पूर्ण परिवर्तन व मध्यम परिवार के बच्चों को भी उच्च शिक्षा का मौका मिले शायद अब सरकार और अधिकारियांे व शिक्षा विभाग तक यह बात पहुंची। परिणामस्वरूप अब परीक्षा में शामिल होने से डरने वाले अब बिना भय के परीक्षा देने जा सकते है। शुगर के मरीजों को साथ खाना ले जाने की अनुमति मिलेगी। दूसरी तरफ स्कूलों के उपर जा रही बिजली लाइन सात हजार शिक्षा संस्थानों से हटाई जाएगी जिससे बच्चे निर्भिक होकर पढ़ सके। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से जापान के यामानासी प्रांत के उपराज्यपाल ओसादा के बीच हुई वार्ता से प्रदेश में उच्च शिक्षा के अनेक स्थान जापान द्वारा खोले जाएंगे। जिससे यह कह सकते हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को अपनी पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। इससे भी बड़ी बात यह है कि अब पीएचडी करने के इच्छुक कामकाजी नागरिक भी पार्ट टाइम पीएचडी की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इस बारे में खबर के अनुसार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की विद्वत परिषद की बुधवार को बैठक हुई। इसमें पार्ट टाइम पीएचडी करने वालों को राहत दी गई। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में बैठक में पार्ट टाइम पीएचडी के संबंध में निर्णय लिया गया कि जिन शोध छात्रों की पीएचडी करने के दौरान नौकरी लग जाती है, वह रेगुलर मोड से पार्ट टाइम पीएचडी मोड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई छात्र विभाग द्वारा निर्धारित अनिवार्य पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अंतर-विषयक पाठ्यक्रम लेना चाहता है, तो उसे प्रोत्साहित किया जाएगा। इस स्थिति में छात्र को एनटीए या एनपीटीईएल द्वारा नामित केंद्रों पर अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होना होगा। समिति ने निर्णय लिया कि यूजी ऑनर्स कार्यक्रम के लिए वैल्यू एडिशन कोर्स (2 क्रेडिट) केवल द्वितीय सेमेस्टर में स्वयं पोर्टल के माध्यम से अनुमति दी जाएगी। अन्य सेमेस्टरों के लिए वैल्यू एडिशन कोर्स पाठ्यक्रम विभाग में भौतिक रूप से संचालित किए जाएंगे। यदि द्वितीय सेमेस्टर में संबंधित विषय का कोई उपयुक्त पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं होता है, तो इसे चतुर्थ सेमेस्टर में चुना जा सकता है। मूल्यांकन का तरीका इस प्रकार होगा कि 30 प्रतिशत अंक स्वयं द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जाएंगे। 70 प्रतिशत अंक विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतिम सेमेस्टर परीक्षा के आधार पर दिए जाएंगे। प्रति कुलपति प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार सत्य प्रकाश, शोध निदेशक प्रोफेसर वीरपाल सिंह, प्रोफेसर हरे कृष्णा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह, प्रोफेसर जितेंद्र ढाका, प्रोफेसर संजय भारद्वाज, प्रोफेसर रमाकांत, डॉक्टर सचिन कुमार, डॉक्टर जितेंद्र आदि रहे।
इन सभी प्रयासों से ऐसा लगता है शायद प्रदेश में जल्दी ही गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मिलने के साथ साथ कामकाजी नौजवान पार्ट टाइम पीएचडी कर सकते हैं।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680