मुंबई 08 फरवरी। रतन टाटा की हाल ही में खोली गई वसीयत ने लोगों को चौंका दिया है, क्योंकि एक गैर-पारिवारिक, लेकिन करीबी सहयोगी को दिवंगत, प्रिय उद्योगपति से 500 करोड़ रुपये की विरासत मिली है. बताते चले कि रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हुआ था। उनके निधन के बाद से लगातार ऐसी बातें सामने आती रही है कि आखिर उनकी संपत्ति किसे मिलेगी?
द इकनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट अनुसार इस रहस्यमयी व्यक्ति का नाम मोहिनी मोहन दत्ता – जिन्हें टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन की बची हुई संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा दिया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये से अधिक है. मोहिनी मोहन दत्ता का अचानक से शामिल होना टाटा परिवार के लिए एक आश्चर्य की बात है.
रतन टाटा ने जो वसीयत बनवाई है उसमें मोहिनी मोहन दत्ता का जिक्र उनके एक और उत्तराधिकारी के रूप में है। हालांकि, यह 500 करोड़ की संपत्ति मोहिनी मोहन दत्ता को प्रोबेट से गुजरने और उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणित होने के बाद ही दिया जाएगा। अभी इस काम में करीब छह महीने का वक्त लग सकता है।
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के एक उद्यमी हैं और वह स्टैलियन कंपनी के सह-मालिक हैं। हालांकि, स्टैलियन बाद में जा कर टाटा सर्विसेज का हिस्सा बन गया था। जब स्टैलियन का विलय टाटा सर्विसेज में हुआ, उससे पहले मोहिनी मोहन दत्ता के पास कंपनी में 80% की हिस्सेदारी थी और टाटा सर्विसेज के पास शेष 20% हिस्सेदारी थी।
मोहिनी मोहन दत्ता ने रतन टाटा के अंतिम संस्कार के समय यह खुलासा किया था कि, वो और रतन टाटा एक दूसरे को सालों पहले से जानते थे और वो दोनों पहली बार जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में मिले थे जब वो सिर्फ 24 साल के थे। हालांकि, रतन टाटा की वसीयत में जब मोहिनी मोहन दत्ता का नाम आया तो काफी लोगों को उनके बारे में पता चला था। इससे पहले लोगों ने उनका नाम नहीं सुना था।
टाटा समूह के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मोहिनी मोहन दत्ता ने हमेशा ही यह कहा है कि वह रतन टाटा के परिवार के करीबी रहे हैं। पिछले दिनों दत्ता न मीडिया से कहा था कि, रतन टाटा ने मेरी मदद की थी और उन्होंने ही मुझे काबिल बनाया है।
ऐसा माना जाता है कि, रतन टाटा के साथ दत्ता का जुड़ाव लगभग छह दशक पुराना था। कथित तौर पर पिछले साल दिसंबर में रतन टाटा की जयंती समारोह में मोहिनी मोहन दत्ता भी आमंत्रित थे, जबकि इस कार्यक्रम में सिर्फ करीबी सहयोगी और परिवार के सदस्य ही शामिल हुए थे।