144 वर्षों के बाद शुभ संयोग में महाकुंभ के दौरान आज हम मकर संक्रांति का त्योहार मना रहा है। यह महोत्सव मौसम के माथे पर परिवर्तन की पगड़ी के समान है। क्योंकि मकर संक्रांति से ही बंसत ऋतु की आहट सुनाई देने लगती है। तो आज से ही शुभ कार्यों की शुरूआत भी विद्वानों के अनुसार होती है। यह पर्व सूर्य के उत्तरायण उत्तर की ओर यात्रा होने का प्रतीक है। आज से ही दिन बड़े और राते छोटी होने लगती है। उत्तर प्रदेश में मनाये जाने वाले संक्रांति पर्व की 12 राशियों की बारह संक्रांति होती है। विद्वानों के हिसाब से सूर्य जब भी राशि परिवर्तन करते है उसी दिन संक्रांति मनाई जाती है और सभी संक्रांतियों का अपना महत्व है। परंतु मकर संक्रांति सब में विशेष है। क्योंकि यह पर्व सूर्य की ओर उत्तरायण का प्रतीक है।
विद्वानों के अनुसार भारत के अलग अलग प्रदेशों में इसे अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। जैसे पंजाब हरियाणा में इसे लोहड़ी के रूप में खुशियों से मनाते है। तमिलनाडु में यह पोंगल गुजरात में उत्तरायण असम में व्यूह बिहार और नेपाल में माघी और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति कहलाता है। इस पर्व का कितना धार्मिक महत्व है इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि इस दिन सुबह से ही दान दक्षिणा देने का कार्य शुरू होता है। मंदिरों में पूजा पाठ और भंड़ारे लगते है तथा गली मौहल्लों और बाजारों में खिचड़ी का प्रसाद धार्मिक भावना से वितरित किया जाता है। यह भी कहते है कि अपने भीतर के देवत्व को जगाने का दिन भी है मकर संक्रांति। इस वर्ष क्योंकि बड़े शुभ मुहुर्त में मकर संक्रांति का आवागमन हुआ है इसलिए यह मनाया जा रहा है कि भगवान सूर्य नारायण इस वर्ष आर्थिक लाभ और नये कार्य करायेंगे।
महाकुंभ के साथ ही हरिद्वार ब्रजघाट सहित तमाम धार्मिक नगरों में आज के दिन मेले का सा माहौल होता है। यहां भक्त दूर से दूर से नहाने और दान पुण्य करने आते है। और अगर व्यापारिक दृष्टि से देखे तो भी यह पर्व व्यापार बढ़ाने और आर्थिक रूप से मजबूत करने का महत्व रखता है। क्योंकि इस दिन धार्मिक जन दान पुण्य के लिए विशेष सामग्रियां खरीदते है। और धार्मिक नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा की जाने वाली खरीद फरोख्त और किये जाने वाले दान पुण्य तथा खान पान के चलते माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद भी किसी न किसी रूप में सभी को मिलता है। कुल मिलाकर यह कह सकते है कि मकर संक्रांति का पर्व सभी के लिए खुशियों और लाभ से परिपूर्ण शुभ दिन है। जो हमारे लोक परलोक को सुधारने का भी मार्ग किसी न किसी रूप में प्रस्सथ करता है। मकर संक्रांति की सभी को बधाई व शुभकामनाऐं।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सभी को बधाई व शुभकामनाऐं! धार्मिक लाभ और खुशहाली का पर्व है मकर संक्रांति
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