इटावा 09 जनवरी। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा राजपाल यादव ने 73 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। राजपाल यादव के निधन पर सपा में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। लंबी बीमारी के बाद आज यानी गुरुवार की सुबह उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दम तोड़ा है। अब उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव सैफई लाया जा रहा है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि राजपाल सिंह यादव, मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई थे। मुलायम सिंह यादव के 4 भाई में वो चौथे नंबर पर थे। उनके निधन से समाजवादी खेमें में मातम पसरा हुआ है। इस खबर के बाद से ही लोग राजपाल यादव के घर पहुंचने लगे हैं। सैफई में अंतिम दर्शन के बाद उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी जाएगी। इस दौरान पूरा यादव कुनबा सैफई में मौजूद रहेगा। अंतिम संस्कार में अखिलेश यादव भी शामिल होंगे। निधन की सूचना के बाद अखिलेश ने सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए। वह परिवार के साथ लखनऊ से रवाना हो गए हैं। कुछ देर में सैफई पहुंच जाएंगे।
राजपाल सिंह यादव के निधन पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव और बड़े भाई रामगोपाल यादव ने दुख जताया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर कर उन्होंने अपने छोटे भाई के निधन की जानकारी साझा की. उन्होंने लिखा, “मैं अत्यंत दुख के साथ ये सूचित कर रहा हूँ कि मेरे अनुज राजपाल सिंह का आज सुबह चार बजे मेदांता अस्पताल गुड़गांव में असामयिक निधन हो गया है. उनका अंतिम संस्कार मेरे पैतृक गाँव सैफई में आज दोपहर बाद किया जाएगा. प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे और उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें. ॐ शांति !”
गौरतलब है कि राजपाल सिंह यादव मुलायम सिंह यादव से छोटे थे. वे पांच भाइयों में चौथे नंबर पर थे. उनके बेटे अंशुल भी राजनीति में हैं, वे दो बार से जिला पंचायत अध्यक्ष है. राजपाल सिंह की पत्नी प्रेम लता भी राजनीति में सक्रिय रही है. वह मुलायम परिवार की पहली महिला थी जो राजनीति में आई थीं. उनके बाद ही परिवार की अन्य महिलाओं डिंपल यादव, शिवपाल यादव की पत्नी सरला यादव और अपर्णा यादव ने राजनीति में कदम रखा.
मुलायम सिंह के छोटे भाई राजपाल सिंह की प्रारंभिक शिक्षा सैफई में हुई। मैनपुरी के जैन इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की। इटावा के डिग्री कॉलेज से बीए और लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की। मेरठ की शुगर मिल में उनकी नौकरी लग गई, लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा। वापस इटावा आ गए।
इसके बाद 1978 में वे सेंट्रल वेयरहाउस में अधीक्षक के पद पर तैनात हुए। 2006 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। राजपाल यादव की राजनीति में रुचि नहीं थी। उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि, उनकी पत्नी प्रेमलता यादव परिवार की पहली महिला थीं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा था। प्रेमलता यादव इटावा की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। राजपाल यादव के दो बेटे हैं- अभिषेक और आर्यन।