वैसे तो देशभर में पूरे साल पतंग उड़ाने की व्यवस्था है और जब आसमान में पतंग लहराए जाएंगी तो मांझा भी चाहिए। एक समय पतंग उड़ाने को लोग मनोरंजन के लिए करते थे लेकिन वर्तमान में यह प्रतिर्स्पद्धा होने लगी है। इसके चलते सामान्य मांझे की जगह लोहे और कांच के चूरे से बना मांझा उपयोग होने लगा है और पतंग उड़ाने वाला चीनी मांझे की मांग करने लगा है।
चीनी मांझा अब लोगों की मौत का सौदागर भी बनता जा रहा है और इस पर प्रतिबंध लगने के बावजूद इसका उपयोग बंद नहीं हो रहा है। आए दिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारी इस पर रोक लगाने और बेचने वालों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी थानेदारों को दे रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि वह इसकी बिक्री नहीं रोक पा रहे हैं तो वह किस प्रकार थाने चला रहे होंगे यह हर कोई सोच सकता है। चीनी मांझे के चलते लोगों के मरने और घायल होने की घटना को देखते हुए मेरठ के एडीजी डीके ठाकुर का यह कथन इस परिस्थिति में समयानुकुल है कि चीनी मांझा खरीदने और बेचने वालों पर दर्ज हो मुकदमा। इस पर अगर कार्रवाई शुरू हुई तो ना किसी का गला कटेगा ना किसी की जाएगी जान। मगर इसके लिए जरूरी है कि जिस क्षेत्र में चीनी मांझा को लेकर घटना हो जब तक उसके थानेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक मुझे लगता है कि चीनी मांझा की बिक्री और उपयोग रूकने वाला नहीं है। क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि थानेदार को इसके व्यापार की खबर ना हो। बीते दिनों एसएसपी विपिन ताडा ने चीनी मांझा बेचने वालों के खिलाफ सर्विलांस लगाई और छात्रों ने चीनी मांझा का पुतला फूंका। यह ऐसी बात है कि अफसर और नागरिक यह मानने लगे हैं कि इसका प्रचलन बंद होना चाहिए मगर खुलेआम होने वाले इसके व्यापार का थानेदार को क्यों पता नहीं लगता यह देखा जाना जरूरी है क्योंकि पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल द्वारा भी इसको लेकर लोकसभा में आवाज उठाई गई थी मगर सारे प्रयास सिर्फ कुछ सुविधाओं के चक्कर में सिरे नहीं चढ़ पा रहे है। भविष्य में चीनी मांझा को लेकर किसी घर का चिराग ना बुझे इसे देखते हुए पूरे देश में चीनी मांझा के प्रचलन को रोकने के लिए थानेदार को हटाने की व्यवस्था की जाए और उसे कहीं थाने का चार्ज नहीं दिया जाएगा तो चीनी मांझे का प्रचलन पूरी तौर पर बंद हो सकता है। इस पर कोई दो राय नहीं है। इसलिए सीएम योगी को इस बारे में स्पष्ट आदेश देने चाहिए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
एडीजी मेरठ का निर्णय है सही! मांझे के उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद कैसे बिक रहा है मौत का सामान, सीएम साहब जिस दिन थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई होने लगेगी ?
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