नई दिल्ली 08 जनवरी। नए साल के आने के साथ ही भारत ने अपने पहले जनरेशन बीटा बेबी का स्वागत किया। 2025 की सुबह अपने साथ न केवल एक नया साल लेकर आई है, बल्कि एक नई पीढ़ी यानी जनरेशन बीटा को भी लेकर आई है। इस नई पीढ़ी का पहला बच्चा फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग है, जिसे भारत का पहला जनरेशन बीटा बेबी कहा जा रहा है। इसका जन्म 1 जनवरी को 12:03 AM पर आइजोल, मिजोरम में हुआ है।
एक्स पर एक फोटो सामने आई है ,जिसमें भारत के पहले बीटा जनरेशन बेबी के बारे में बताय गया है, जिसका जन्म मिजोरम में हुआ है। फ्रेंकी इस नए युग का प्रतिनिधित्व करेगा। इस बच्चे का वजन 3.12 किलोग्राम है। बच्चे की डिलीवरी कराने वाले स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वनलालकिमा ने मीडिया को बताया कि बच्चे की डिलीवरी नॉर्मल हुए और इसमें कोई कॉम्प्लीकेशन नहीं हुआ।
फ्रैंकी और दूसरे जेन बीटा बच्चे इसलिए खास है, क्योंकि ये एक अलग दुनिया के साक्षी बनेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ऑटोमेशन और ग्लोबल कनेक्टिविटी के साथ इनके जीवन को आकार मिलेगा।
आमतौर पर पीढ़ियों में परिवर्तन करीब 20 साल में होता आया है, लेकिन इस बार महज 11 साल के अंतराल पर ही जेनरेशन बीटा आ गई है. 2013 से 2024 तक पैदा हुए बच्चों को ‘जेनरेशन अल्फा’ कहा जाता है. वहीं, इससे पहले 1995 से 2012 तक पैदा हुए बच्चे जेनरेशन जेड कहलाए थे. जेनरेशन जेड उस पीढ़ी को कहा गया था, जो वैश्विक कनेक्टिविटी के साथ ही बड़ी हुई थी. वहीं जेनरेशन अल्फा उस पीढ़ी को कहा गया, जिन्हें जन्म के साथ ही हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा मिली थी.
क्या है जेनरेशन बीटा : इसी तरह पहले की पीढ़ियों का नामकरण भी तात्कालिक परिस्थितियों के आधार पर किया गया था. दुनिया की परिस्थितियों और उन पीढ़ियों के हालात को ध्यान में रखते हुए ही अब तक नामकरण किए गए हैं. जेनरेशन बीटा उस पीढ़ी को कहा गया है, जो इंटरनेट से जुड़ी तमाम सुविधाओं के बीच पैदा हुई है और जिनके लिए हर सुविधा महज एक क्लिक की दूरी पर ही है. होम डिलिवरी, टीवी, इंटरनेट समेत ऐसी तमाम सुविधाएं हैं, जिनसे महज एक क्लिक पर ही बच्चे काफी चीजें हासिल कर सकते हैं. जेनरेशन बीटा शब्द मार्क मैक्रिंडल ने गढ़ा है, जो समाजविज्ञानी हैं. उनके अनुसार 2025 से 2039 तक का दौर तकनीक के लिहाज से अहम होगा और इस अवधि में पैदा होने वाले बच्चों को ‘जेन बीटा’ के नाम से जाना जाएगा.