नई दिल्ली, 07 जनवरी। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तारीख का एलान कर दिया। दिल्ली में एक चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा। आठ फरवरी को मतगणना होगी। साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा के खाते में आठ सीटें आई थीं। जबकि, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं। दिल्ली में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 85,49,645 हैं, जबकि 71,73,952 महिला मतदाता हैं। दिल्ली में दो लाख फर्स्ट वोटर हैं। चुनाव में 85 वर्ष से अधिक आयु के तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान की सुविधा रहेगी। मतदान में आसानी के लिए मतदान केंद्रों पर स्वयंसेवक, व्हीलचेयर तथा रैंप बनाए जाएंगे। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को नसीहत भी दी। चुनाव प्रचार में भाषा का ख्याल रखें। महिलाओं के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल न करें।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम में अविश्वसनीयता या किसी खामी का कोई सबूत नहीं है… ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है। ईवीएम में अवैध वोट होने का सवाल ही नहीं है। कोई धांधली संभव नहीं है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट अलग-अलग फैसलों में लगातार यही कह रहे हैं… और क्या कहा जा सकता है? ईवीएम मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है। टेम्परिंग के आरोप बेबुनियाद हैं। हम अभी बोल रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि भारतीय मतदाता बेहद जागरूक हैं। मतदाता सूचियों को लेकर अब भी कहानियां चल रही हैं। करीब 70 चरण हैं। जिसमें राजनीतिक दल और उम्मीदवार हमारे साथ रहते हैं, जितने भी दावे और आपत्तियां आती हैं। उन्हें सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है। फॉर्म सात के बिना नाम नहीं हटाया जा सकता।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि एजेंट के सामने ईवीएम सील की जाती हैं। एजेंट के सामने ईवीएम में चुनाव चिन्ह डाले जाते हैं। सात से आठ दिन पहले चुनाव चिन्ह डाले जाते हैं। हर दल को इसकी जानकारी दी जाती है। ईवीएम की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। ईवीएम मेंअवैध वोट की संभावना नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में भी लोकतंत्र मजबूत होता रहेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीख से सात या आठ दिन पहले चेक की जाती हैं। उसी दिन नई बैटरी डाली जाती है। फिर सील करके रखी जाती हैं। पोलिंग वाले दिन ही ईवीएम की सील तोड़ी जाती हैं। इसके बाद मॉक पॉल होता है। चुनाव के प्रक्रिया के बाद फिर से सील की जाती हैं।
वोटिंग लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव कुमार ने कहा, ‘वोटर लिस्ट पर कई तरह की बातें हो रही हैं. कई सवाल उठाए जा रहे हैं. वोटर लिस्ट में नाम काटने की शिकायत की गई. हर सवाल का जवाब देना हमारी जिम्मेदारी है. आज जवाब तो बनता है. आज हर सवाल का जवाब दिया जाएगा. अगर हम पिछले 30 चुनावों के आंकड़ों को देखें, तो 15 में अन्य पार्टियों को ज्यादा वोट मिले. वोटर लिस्ट से नाम हटाने की एक प्रक्रिया होती है, जिसमें चुनाव आयोग से लेकर बीएलओ तक का अहम रोल होता है. इसके बिना कोई नाम नहीं हटाया जा सकता है.’ उन्होंने बताया कि हम बहुत जल्द ही 100 करोड़ मतदाताओं वाला देश बनने जा रहे हैं, मतदाताओं की कुल संख्या 99 करोड़ को पार कर चुकी है.