वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी आगामी एक फरवरी को अपना आठवां बजट सुबह 11 बजे तीसरे मोदी सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी। इस दौरान खबरों के हिसाब से आम आदमी को बजट में काफी राहत और टैक्स में छूट दी जा सकती है। होगा क्या यह तो इसके पेश होने के बाद ही पता चलेगा लेकिन आम आदमी को जो राहत की उम्मीद बंधी है उसके लिए वित्तमंत्री को बधाई दी जा सकती है। मेरा मानना है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों के लिए सुविधाएं जुटाने और छूट दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार नौकरों को भी काफी राहत दी जा रही है। तो फिर समाज का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया से गुरेज क्यों किया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से इस चौथे स्तंभ के लिए बजट में कुछ बड़ी व्यवस्था नहीं की जाती। जो की जाती है वो गिने चुने बड़े समाचार पत्रों व चैनल संचालकों को दे दी जाती है लेकिन समाचार पत्रों व इलैक्ट्रोनिक और इंटरनेट मीडिया के लिए सरकार कुछ नहीं सोच रही। सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के संस्थापक महामंत्री अंकित बिश्नोई एवं नेशनल चेयरमैन श्री सुनील डांग और ऑल इंडिया न्यूज पेपर एसोसिएशन आईना तथा इलेक्ट्रानिक चैनलों के मध्यम दर्जें के संचालकों द्वारा सुविधाओं की जो मांग सरकार से की जा रही है उसे ध्यान में रखते हुए मेरा मानना है कि सोशल मीडिया हो या समाचार पत्र लघु श्रेणी में आने वाले इस वर्ग के लिए सरकार अलग से व्यवस्था करे क्योंकि समाज में इनके योगदान और सरकारी योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के मामले में इनसे संबंध लोगों का योगदान किसी से कम नहीं है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
आगामी बजट में लघु की श्रेणी में आने वाले प्रिंट सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए अलग से हो व्यवस्था
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