नई दिल्ली 06 जनवरी। आजकल स्मार्टफोन का उपयोग सभी के हाथ में है और युवा से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि सोशल मीडिया के कई फायदे हैं लेकिन इसके नुकसान भी हैं। इसको देखते हुए सरकार ने एक नया नियम तैयार किया है जो 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है।
अब बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से पहले माता-पिता की परमिशन लेना जरूरी हो जाएगा। शुक्रवार को सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन रूल्स के मसौदे को पेश किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट का यह मसौदा जारी किया है, जिसे शुरू में अगस्त 2023 में संसद में पेश किया गया था। हालांकि अब इसे लागू करने की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।
सरकार 18 फरवरी 2025 तक इस मसौदे पर जनता की राय ले रही है, इसमें MyGov डॉट इन के जरिये आम लोगों की राय ली जा रही है। राय लेने की बाद इस पर चर्चा की जाएगी। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट में यह एक जरूरी बदलाव है।
इन नियमों के लागू होने के बाद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट के संबंध में सख्त नियमों का सामना करना पड़ेगा। अगर 18 वर्ष से कम उम्र का कोई बच्चा सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाना चाहेगा तो उसे माता-पिता की परमिशन लेनी होगी। इस नियम का मकसद पर्सनल डेटा को सेफ रखना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों से लिए जा रहे फीडबैक पूरी तरह से गोपनीय रहेंगे। डिजिटल पर्सनल ड्राफ्ट रूल्स के अनुसार, कोई भी व्यक्ति सरकारी पोर्टल पर जाकर अपनी राय और सुझाव दे सकता है।
डिजिटल पर्सनल ड्राफ्ट नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी नाबालिग सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने से पहले अपने माता-पिता से परमिशन ले रहा है। इसके लिए सोशल मीडिया कंपनियों को डिजिटल टोकन का इस्तेमाल करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया ने बनाया नया कानून
इंटरनेट मीडिया के गलत प्रभाव से बच्चों को बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने नए कानून लागू किए हैं। ऑस्ट्रेलिया पहला ऐसा देश है जहां बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर पाबंदी है। ऑस्ट्रेलिया की संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने कहा कि अगर इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक, फेसबुक, स्नैपचैट, रेडिट, एक्स और इंस्टाग्राम छोटे बच्चों को अकाउंट बनाने से रोकने में विफल होंगे, तो उनपर 33 मिलियन डॉलर (2,787,498,714 रुपये) तक का जुर्माना लगेगा।