आज हम विश्व ब्रेल दिवस मना रहे हैं। जागरूक नागरिक ब्र्रेल लिपि के जरिए अंधता का शिकार बच्चों के उत्थान और उन्हें सही मार्ग दिखाने तथा जीवन में खुशहाली लाने के लिए यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बताते चलें कि देखने में असक्षम दिव्यांगों द्वारा जो दुनिया के तमाम क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की जा रही है। वो सब इसी ब्रेल लिपि की देन कही जा सकती है। यह भी कह सकते हैं कि एक प्रकार की दिव्यांगता से पीड़ित बच्चों के लिए यह व्यवस्था है। इससे सीखकर पीड़ित बच्चे खेलों प्रशासनिक और ज्यादातर क्षेत्रों में जहां सिर्फ देखने में सक्षम लोग कुछ कर सकते थे अब ब्रेल लिपि के माध्यम से शिक्षित अपनी सफलता का का परचम तो फहरा ही रहे हैं। पहले जिन परिवारों में जिन परिवारों के बच्चों को यह समस्या होती थी उनको कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। आज भी भगवान से प्रार्थना की जाती है कि वो किसी को इस बीमारी का शिकार ना बनाएं लेकिन जो पीड़ित है वो किसी पर आश्रित नहीं है। वो अपना और परिवार का पालन पोषण कर सकता है।
वैसे तो सभी देशों की सरकार इस बारे में पीड़ितों की सुविधा के लिए नए उपयोग कर उन्हें लागू कराने और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे हैं लेकिन मुझे लगता है कि अभी इस बारे में काफी और पात्रों की सुविधा के लिए किया जाए और किसी को भी ब्रेल लिपि की आवश्यकता न पड़े इसलिए वैज्ञानिक कुछ ऐसे आविष्कार और दवाई बनाएं जिससे किसी को इस विकलांगता से पीड़ित ना होना पड़े जिसे लेकर चर्चा हो।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
ब्रेल लिपि दिवस पर सरकार अंधता निवारण के काम में लाए तेजी, कोई पीड़ित ना रहे इलाज और दवाई हो विकसित
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