asd बिना टैक्स चुकाए फैक्टरी से निकले पान मसाला के ट्रक, चार अधिकारी निलंबित

बिना टैक्स चुकाए फैक्टरी से निकले पान मसाला के ट्रक, चार अधिकारी निलंबित

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कानपुर 30 दिसंबर। एक माह से ज्यादा समय से हर पान मसाला फैक्ट्री के गेट पर राज्य कर विभाग की निगरानी होने के बाद भी बिना ई-वे बिल के पान मसाला लदे चार ट्रक लखनऊ जोन में पकड़े जाने पर चार राज्य कर अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन चारों की निगरानी के दौरान ट्रक पान मसाला फैक्ट्री से निकले थे और इन्होंने न तो ई-वे बिल चेक किया न ही उसे स्कैन किया। इसके साथ ही तीन सहायक आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संस्तुति की गई है।

राज्य कर विभाग ने 24 नवंबर से पान मसाला फैक्ट्रियों के बाहर सहायक आयुक्तों और राज्य कर अधिकारियों की टीमें बनाकर रोटेशन से ड्यूटी लगाई थी। इसमें साफ निर्देश था कि एक-एक ट्रक को चेक किया जाए। इसमें चेतावनी दी गई थी कि क्रॉस चेकिंग के दौरान यदि कोई ट्रक बिना ई-वे बिल के पकड़ा गया तो वहां तैनात संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद भी यहां से पान मसाला के चार ट्रक बिना ई-वे बिल के निकल गए और फैक्ट्री के गेट पर तैनात सहायक आयुक्त और राज्य कर अधिकारियों ने उनके ई-वे बिल चेक नहीं किए। इन सभी ट्रकों को 24 दिसंबर को लखनऊ जोन में जांच के लिए रोका गया तो उसमें पान मसाला लदा मिला लेकिन ई-वे बिल नहीं था।

राज्य कर मुख्यालय ने जांच की तो पाया कि राज्य कर अधिकारी अंकुर द्विवेदी, जगत प्रकाश, जगदीश प्रसाद, संदीप कुमार ने जांच में लापरवाही की और ट्रकों को बिना ई-वे बिल के निकलने दिया। जांच के बाद राज्य कर आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने चारों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही तीन सहायक आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को संस्तुति की गई है।
पान मसाला उद्योग में बड़ी कर चोरी की शिकायतें अब साक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पहुंच गई हैं। विभाग ने ई-वे बिल के बिना पकड़े गए ट्रकों की जानकारी के साथ ही पान मसाला फैक्ट्री के बाहर तैनात किए गए अधिकारियों की पूरी सूची मुख्यमंत्री को सौंप दी है।

पान मसाला उद्योग पर 188 प्रतिशत टैक्स है। इसमें 28 प्रतिशत जीएसटी है और बाकी 160 प्रतिशत तंबाकू जनित उत्पाद होने की वजह से उपकर लगाया जाता है। उपकर व 14 प्रतिशत टैक्स केंद्रीय जीएसटी को मिलता है, वहीं 14 प्रतिशत राज्य कर विभाग के खाते में जाता है। टैक्स की दर काफी ज्यादा होने की वजह से पान मसाला उद्योग में काफी ज्यादा टैक्स चोरी होती है।
बिना ई-वे बिल पान मसाला को निकाला जाता है जिससे टैक्स नहीं देना पड़ता। इस तरह से होने वाली चोरी की शिकायत प्रमुख सचिव डा. एम देवराज को मिली थी तो उन्होंने इन फैक्ट्रियों की निगरानी के आदेश दिए थे। शिकायतों में यह भी कहा गया था कि पान मसाला लदे ट्रकों को पकड़ने की जगह दूसरे उत्पादों के ट्रक पकड़े जाते हैं।

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