प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज 221 किमी लंबी लिंक नहर के माध्यम से मप्र और उप्र के कई इलाकों पर पानी पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया गया। इसे अटल जी के प्रति केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी की आस्था कहें या योजना का हिस्सा जो भी है। 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा जो नदियों को जोड़ने का सपना देखा था वो आज पूरा होने की ओर अग्रसर हो गया। 22 मार्च 2021 को मप्र और उप्र के जल योजना मंत्रियों ने केन बेतवा लिंक परियोजना पर हस्ताक्षर किए थे जो आज साकार हो गए। बताते चलें कि इस योजना से अभी मध्य प्रदेश के दस जिलों के 44 लाख और यूपी के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा लेकिन मेरा मानना है कि इस योजना की शुरूआत से साल में कई बार देश के कई जिलों को जो सूखा और बाढ़ की त्रासदी से दो चार होना पड़ता है और कितनी ही जाने जाती ही हैं आर्थिक नुकसान और फसलों की बर्बादी भी होती है उसका समाधान फिलहाल 44 हजार करोड़ की लागत से शुरू इस परियोजना से होने लगेगा। यह कह सकते हैं कि जीवन भर देश के नागरिकों की समस्याओं के समाधान राष्ट्रीय एकता सदभाव को मजबूत करने के अतिरिक्त अपनी सेक्यूलर छवि कायम रखने में सफल रहे पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आज यह जनहित की योजना शुरू हुई। जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि नागरिकों के हित में कही जा सकती है। मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी पीएम के रूप में अच्छा काम कर ही रहे हैं लेकिन आज शुरू हुई इस परियोजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 76 मीटर उंचा और 213 किमी लंबा गोधन बांध व दो सुरंगे बनाई जा रही है और इस बांध में 2.853 मिलीयन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित हो सकेगा जिससे सूखा पड़ने पर काफी लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और बाढ़ की स्थिति में यहां इतनी बड़ी तादात में पानी इकटठा होगा जिससे जनहित के बहुत से कार्य हो सकेंगे। आज की इस योजना शुभारंभ के लिए पीएम मोदी का राजनीतिक विचारधारा भूल सभी को आभार व्यक्त करना चाहिए। क्योंकि योजनाएं तो हर तरह की चल रही है लेकिन नदी जोड़ो पूर्व पीएम अटल जी की येाजना की बहुत आवश्यकता पिछले कई दशकों से महसूस की जा रही थी जो आज पूरी होगी। अटल जी की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में अभी इस नहर के जरिए मप्र के पन्ना दमोह आदि के क्षेत्रों को पानी मिलेगा लेकिन भविष्य में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पूरे देश में इस योजना का लाभ नागरिकों को मिलेगा। जिसके लिए पीएम मोदी को बहुत बहुत बधाई। इस योजना में सहयोगी सभी का आभार। स्मरण रहे कि पिछले चार दशक से मेरे द्वारा भी देश में नदी जोड़ों की वकालत की जाती रही है। बीच में कुछ तथाकथित पर्यावरण प्रेमियों ने इस योजना का विरोध किया था शायद इसीलिए अटल बिहारी वाजपेयी के समय यह योजना साकार रूप नहीं ले पाई थी लेकिन अब अटल जी का सपना साकार हुआ और किसानों को भी इसका बड़ा लाभ मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
देश को सूखे और बाढ़ से बचाने हेतु अटल जी ने जो देखा सपना मोदी ने किया पूरा
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