नागपुर के रेशमी बाग स्थित डॉ. हेडगेवार की स्मृति में बने मंदिर का दौरा करने के उपरांत महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा कहा गया कि राष्ट्र निर्माण में आरएसएस के योगदान को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। शिवसेना और संघ की विचारधारा समान है। अगर ध्यान से देखें तो एकनाथ शिंदे का कथन समयानुकुल सही है। क्योंकि वर्तमान समय में संघ परिवार मोहन भागवत के सानिध्य में हर वो काम हो रहा है जिससे राष्ट्र की एकता अखंडता भाईचारा सदभाव मजबूत हो और जातियों में जो भेदभाव की बात होती है वो समाप्त हो जाए। बीते दिनों मोहन भागवत ने पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव की शुरूआत करते हुए कहा कि भारत को हमेशा अल्पसंख्यकों के मुददों का समाधान करने की सलाह दी जाती है लेकिन अब हम देख रहे हैं कि दूसरे देशों मंे अल्पसंख्यक समुदाय किस स्थिति का सामना कर रहा है। अगर देखें तो भागवत जी का कथन सही है क्योंकि पूर्व में अल्पसंख्यकों के मुददे को लेकर जो देश रोना रोते थे वर्तमान में उनके द्वारा उस प्रभावशाली तरीके से अपने जिम्मेदारी नहीं निभाई जा रही। भागवत जी की निगाह में मानव धर्म सभी धर्मों का शाश्वत धर्म है जो विश्व धर्म है। इसे हिंदू धर्म भी कहा जाता है। दुनिया इस धर्म को भूल रही है। मोहन भागवत का यह कथन अटल सत्य कह सकते हैं कि कुछ लोग देश के अलग अलग हिस्सों में मंदिर मस्जिद के विवाद उठाने पर हिंदूओं का नेता बनने का ख्वाब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद वो लोग ऐेसे मुददे उठाकर हिंदुूओं के नेता बन जाएंगे यह स्वीकार्य नहीं है।
मैं इस बात को अच्छी तरह जानता हूं कि भले ही कुछ सालों पूर्व आरएसएस को लेकर अलग अलग प्रचार किए जाते रहे हो लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मोहन भागवत जी और संघ परिवार के अन्य लोगों द्वारा भाईचारा मेल मिलाप सदभाव की मजबूती के लिए जो काम किया गया है वो उल्लेखनीय है। खासकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जो मोहन भागवत के इस कथन को ध्यान में रखकर कि मंदिर मस्जिद के विवाद उठाने पर हिंदूओं का नेता बनने का ख्वाब देख रहे हैं। वर्तमान समय में जो इस विवाद को हवा दी जा रही है उससे असंतोष और तनाव भी उत्पन्न हो रहा है। कानून व्यवस्था व भाईचारा बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन को अपना पूरा ध्यान इसी ओर लगाना पड़ रहा है। विकास में तेजी और जनहित की नीतियों व योजनाओं को लागू कराने में ध्यान लगाया जा रहा है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ऐसे मुददे जबरदस्ती उठाने वालों की जांच कराई जाए कि इसकी पीछे उनका क्या उददेश्य हो सकता है क्योंकि कई मुददों में नागरिकों का यह कथन है कि कुछ लोग अपने काले धंधे व अवैध कमाई छिपाने के लिए इस तरह की बात उछालकर सरकार का ध्यान बंटाने की कोशिश कर सकते हैं।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने सही कहा
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