asd 11 पन्नों का सुसाइड नोट लिख दंपति ने फांसी लगाकर दे दी जान

11 पन्नों का सुसाइड नोट लिख दंपति ने फांसी लगाकर दे दी जान

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गाजियाबाद 19 दिसंबर। गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में रहने वाले पति-पत्नी ने सुसाइड किया है. उनपर कर्ज था, जिसके चलते उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया. दोनों के शव अलग-अलग कमरों में पंखे से लटके हुए थे. पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची. घटनास्थल से 11 पेज का सुसाइड नोट मिला है. उसमें मृतक दंपति ने कर्ज की बात और आत्महत्या किए जाने के कारणों को बताया है. कर्ज वसूलने आने वाले लोगों की धमकियों से दंपति परेशान थी. इनमें दिल्ली पुलिस का एक कांस्टेबल भी शामिल था.

‘हम मरना नहीं चाहते. थोड़ा समय मांग रहे हैं, लेकिन पैसे मांगने वाले परेशान कर रहे हैं. इसलिए अब कोई चारा नहीं बचा.’ यह शब्द सुसाइड नोट के अंतिम पन्नों पर मृतक पत्नी ने लिखा था. जिसके मुताबिक कर्जा मांगने वाले उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे. तंग आकर उन्होंने मौत का रास्ता चुना. घटना 18 दिसंबर की है और सुसाइड करने वाली दंपति की पहचान पंकज गुप्ता और रीना गुप्ता के रूप में हुई है. दोनों ने घर में अलग-अलग कमरों में छत के पंखे पर फंदा लगाकर आत्महत्या की है.

जानकारी के मुताबिक, मृतक पंकज गुप्ता और रीना गुप्ता तलाकशुदा थे. उन्होंने आपस में शादी की थी. पंकज गुप्ता की पहली पत्नी से एक बेटा है. वह 12 साल का है और मानसिक रूप से कमजोर है. वह दिनभर अपने दादा के पास दूसरे घर पर रहता है. हादसे की जानकारी पंकज के भाई को तब हुई जब वह उनके घर पहुंचा और कमरे के दरवाजे खुले हुए पाए. जब वह अंदर गया तो वहां का नजारा देख सन्न रह गया. उसके भाई और भाभी के शव फंदे पर लटके हुए थे. मौके पर पहुंचे आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी. जांच के लिए पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाया. घटनास्थल से 11 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 11 पेज के सुसाइड नोट में 10 पेज पंकज गुप्ता और आखिरी पेज उनकी पत्नी रीना ने लिखा है. उसमें उनपर कर्जा होने की बात कही गई है. पंकज ने लिखा है कि उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक क्लब खोला, जिसमें दोस्त ने धोखाधड़ी कर उसे लाखों रुपयों का कर्जा करा दिया. उसने जब उससे कई बार पैसों को लेकर कहा तो दिल्ली पुलिस में सिपाही उसका मामा उसे बचा लेता और धमकी देता था. पंकज ने सुसाइड नोट के जरिए बताया कि वह जिस फ्लैट में रहता है वह मणिपुर के एक व्यक्ति का है. इसे उसने एक डीलर की मदद से 2018 में पांच लाख रुपये की लीज पर लिया था.

पंकज ने लिखा है कि डीलर से यह मकान खरीदने की बात चल रही थी, लेकिन कोरोना काल में उसकी मौत होने से वह इसे खरीद नहीं पाया. पंकज ने बताया है कि मकान मालकिन की बेटी उन्हें घर खाली कराने के लिए आए दिन परेशान करती थी. एक बार वह उसे दिल्ली की एक पुलिस चौकी में ले गई. वहां उसे धमकाया गया. चौकी प्रभारी ने केस की धमकी दी, जिसे सुलझाने के लिए 40 हजार रुपये चौकी प्रभारी ने लिए. साथ ही मकान मालकिन की बेटी को 1 लाख 40 हजार रुपये का चेक दिया. पंकज ने लिखा है कि मकान मालकिन की बेटी उनसे घर खाली कराने की धमकी देती है और चेक क्लीयर कराने को बोलती थी.

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