लखनऊ 19 दिसंबर। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बुधवार को आक्रामक तेवर पर सपा के अतुल प्रधान को पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया। विधानसभा में अध्यक्ष के आदेश पर समाजवादी पार्टी के सदस्य अतुल प्रधान को सदन से निकाला गया और उन्हें मार्शल बाहर लेकर गए। इस घटना के साथ ही एक बार फिर से अतुल प्रधान चर्चा में हैं। जब वह पहली बार विधायक बनकर आए थे, तब उन्होंने सदन की कार्यवाही का फेसबुक लाइव कर दिया था। तब भी उन्हें लेकर काफी विवाद हुआ था।
विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में स्वास्थ्य व्यवस्था के मुद्दे पर सत्तापक्ष व विपक्ष में तीखी नोक झोंक हुई। आरोप-प्रत्यारोप के बीच सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के खिलाफ असंसदीय नारे भी लगने लगे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस पर आपत्ति जताई। अध्यक्ष ने समझाने का प्रयास किया लेकिन सदस्य नहीं माने। सपा सदस्य अतुल प्रधान व अध्यक्ष सतीश महाना के बीच बहस हो गई। अध्यक्ष ने शीतकालीन सत्र के लिए उन्हें निष्कासित कर दिया। अध्यक्ष के आदेश पर मार्शल ने सपा सदस्य को उठाकर बाहर कर दिया। इस दौरान सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे तक बाधित रही।
सपा सदस्यों ने झांसी मेडिकल कालेज में आग लगने से हुई 10 बच्चों की मौत का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के आरोप लगाए। डा. रागिनी ने कहा कि ज्यादातर अस्पतालों में आग से बचाव के उपाय नहीं हैं। उपमुख्यमंत्री छापा मारते हैं लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं सुधर रही है। अतुल प्रधान ने कहा कि सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी के बाहर प्राइवेट अस्पतालों की एंबुलेंस खड़ी रहती है। दुर्गा प्रसाद यादव ने भी सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
विपक्ष के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आप जनता को गुमराह कर रहे है सदन को गुमराह कर रहे हैं। सपा के लोग विधानसभा में दी जाने वाली नोटिस पर आंख बंद कर साइन करते है। ये गले की खराश मिटाने के लिए यहां आते हैं इनके लिए डिस्पेंसरी में विक्स की गोली रख देंगे।
इस पर सपा सदस्यों ने आपत्ति जताई तो उपमुख्यमंत्री ने कहा…पीछे से बहुत भाले फेंके गए हैं तो क्या हम रबड़ की गोली चलाएंगे। अतुल प्रधान ने आक्रामक तेवर दिखाए तो संसदीय कार्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण से उनकी कहा सुनी हो गई। पहले तो सपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया बाद में अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। नारेबाजी में कुछ असंसदीय नारे भी लगने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसी भाषा का प्रयोग न करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि मैं आपको निष्कासित कर सकता हूं। आपकी सदस्यता खत्म करवा दूंगा। बात न सुने जाने पर उन्होंने विधायक को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निष्कासित कर दिया। कहा कि आप जैसी भाषा का प्रयोग करेंगे तो उसी तरह की भाषा इधर (सत्ता पक्ष) से भी सुनने के लिए तैयार रहें।
अध्यक्ष ने मार्शल से यहां तक कह दिया कि अतुल प्रधान को बाहर फेंक दो। इसके बाद मार्शल अतुल को उठाकर बाहर ले गए। बाद में अतुल विधान भवन स्थित चौधरी चरण की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष ने एक घंटे बाद धरना खत्म कराकर उन्हें वापस ले गए।