asd आटे के दाम घटाने को जमाखोरी पर सख्ती, सरकार ने घटाई गेहूं की स्टॉक लिमिट

आटे के दाम घटाने को जमाखोरी पर सख्ती, सरकार ने घटाई गेहूं की स्टॉक लिमिट

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नई दिल्ली 12 दिसंबर। आटे के बढ़ते दाम को काबू करने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत गेहूं की जमाखोरी रोकने के लिए इसकी भंडारण सीमा एक बार फिर घटा दी गई है। यह फैसला 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा।

खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि नई सीमा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के थोक विक्रेताओं, छोटे-बड़े खुदरा कारोबारियों और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए लागू होगी। सरकार ने यह कदम खाद्य सुरक्षा बनाए रखने, गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने और जमाखोरी रोकने के लिए उठाया है। इससे पहले सरकार ने 24 जून को भंडारण सीमा तय की थी। इसके बाद नौ सितंबर को भी इसमें बदलाव किया गया था।

होलसेल कारोबारियों के लिए स्टॉक लिमिट 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है और रिटेल कारोबारियों के लिए यह लिमिट 10 टन से घटाकर 5 टन कर दी गई है. सरकार के इस कदम से सिस्टम में गेहूं की सप्लाई बढ़ेगी और इससे कीमतों के नियंत्रण में बने रहने की उम्मीद है. फिलहाल गेहूं की बुवाई चल रही है और नई फसल मार्च में आने लगती है. ये लिमिट भी मार्च तक के लिए है.

जमाखोरी रोकने के लिए घटाई गई स्टॉक लिमिट
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, स्टॉक लिमिट घटाने का मकसद जमाखोरी को रोकना है, जिससे पर्याप्त गेहूं उपलब्ध होने के बावजूद कीमतें बढ़ जाती हैं. सरकार की ओर कहा गया कि गेहूं का भंडार करने वाली संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल (evegoils.nic.in/wsp/login) पर रजिस्ट्रेशन करना होगा.

हर शुक्रवार को स्टॉक की जानकारी अपडेट करना जरूरी
मंत्रालय के मुताबिक, हर शुक्रवार को स्टॉक की जानकारी अपडेट करना जरूरी है. अगर कोई कंपनी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करती है या स्टॉक लिमिट नियमों का उल्लंघन करती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अगर कोई संस्था तय लिमिट से ज्यादा गेहूं जमा करती है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 15 दिन के अंदर नई स्टॉक लिमिट को मेंटेन करना होगा.

बफर स्टॉक से भी 25 लाख टन गेहूं बेचेंगे
सरकार 31 मार्च 2025 तक एफसीआई के जरिए बफर स्टॉक से आटा मिलर्स जैसे थोक खरीदारों को खुले बाजार में 25 लाख टन गेहूं बेचेगी। इस कदम का उद्देश्य कीमतों में बढ़ोतरी की किसी भी संभावना को रोकना है। पिछले साल एफसीआई ने जून से खुले बाजार में बिक्री अभियान शुरू किया था और थोक खरीदारों को रिकॉर्ड 100 लाख टन गेहूं बेचा था।

45 रुपये तक पहुंचा आटा
मौजदा वक्त में खुदरा बाजार में खुला आटा 40 से 45 रुपये किलोग्राम बिक रहा है। वहीं, उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गेहूं का दैनिक औसत खुदरा मूल्य 32 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास है। आटा मिल चलाने वाले कारोबारी सरकार से खुले बाजार में गेहूं बेचने की मांग कर रहे हैं।

फैसले से यह होगा असर
सरकार के इस फैसले के बाद बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ेगी और इससे कीमतों के नियंत्रण में बने रहने की उम्मीद है। फिलहाल, गेहूं की बुवाई चल रही है और नई फसल मार्च में आने लगती है। यह भंडारण सीमा भी मार्च तक के लिए है।

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