Date: 23/12/2024, Time:

खुशखबरी! कानपुर समेत 4 शहरों को कनेक्ट करेगा 112 KM का ग्रीन हाईवे, डीपीआर बनाने की मंजूरी

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कानपुर 09 दिसंबर। यूपी के कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर अब एक ग्रीन हाइवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे कानपुर से महोबा तक के 96 गांवों की तस्वीर बदलने की संभावना है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इस परियोजना की डीपीआर बनाने की मंजूरी दे दी है. यह ग्रीन हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह विकसित होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास की गति तेज होगी.

उत्तर प्रदेश में बनने वाला नया ग्रीन हाईवे सूबे के 4 बड़े शहरों को आपस में जोड़ेगा। इस फेहरिस्त में कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा का नाम शामिल है। बता दें कि कानपुर सागर हाईवे से हमीरपुर तक हर दिन 30 हजार ट्रक गुजरते हैं। हालांकि कानपुर से करबई मार्ग पर रोज कोई न कोई दुर्घटना सुनने को मिलती है। इस रास्ते को ‘खूनी हाईवे’ भी कहा जाता है। ऐसे में ग्रीन हाईवे बनने के बाद पुराने हाईवे का लोड कम हो जाएगा।

96 गांवों से गुजरेगा हाईवे
कानपुर से हमीरपुर तक बनने वाला 112 किलोमीटर का ग्रीन हाईवे 96 गावों की तस्वीर बदल देगा। यह हाईवे पत्योरा डांडा, देवगांव, गहतौली, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग, टेढ़ा , पंधरी, पारा, रैपुरा, इटरा, चंदपुरवा बुजुर्ग, इंगोहटा, अरतरा, परछा, करहिया, छिमौला, मदारपुर, अकौना, रीवन, रतवा, खन्ना, चिचारा, बन्हिगा, बरवई, गौहारी और कबरई से होकर गुजरेगा।

यूपी का ग्रीन हाईवे बनने के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु जाना आसान हो जाएगा। ग्रीन हाईवे से गुजरने वाले वाहन कानपुर, लखनऊ, बलिया और बहराइच तक कम समय में आसानी से पहुंच सकेंगे।

निर्माण से होगा यातायात में सुधार
यह ग्रीन हाइवे कानपुर से मुंबई तक यात्रा को सरल बनाएगा, जिससे कानपुर-सागर हाइवे पर यातायात का दबाव कम होगा और दुर्घटनाओं की संभावना भी घटेगी. कबरई से कानपुर तक इस मार्ग को “खूनी हाईवे” के रूप में जाना जाता है, जहां नियमित दुर्घटनाएं होती हैं. ग्रीन हाइवे के निर्माण से इन हादसों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है.

2021 में हुआ था ऐलान
भारत सरकार ने 2021 में इस ग्रीन हाइवे के निर्माण की घोषणा की थी, जब कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर रमईपुर के रिंग रोड से लेकर महोबा जिले के कबरई तक इसे बनाने की बात की गई थी. अब इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण भी हो चुका है.

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