मधुबनी,02 दिसंबर। कला, संस्कृति और युवा विभाग और उद्योग एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को विश्व की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग बनाई गई। मिथिला चित्रकला संस्थान परिसर में बनायी गयी यह पेंटिंग अनूठी है और इसमें 182 विषयों को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम में दो पद्मश्री सम्मानित कलाकारों के अलावा करीब ढाई दर्जन नेशनल अवार्डी भी शामिल थे।
बिहार सरकार के कला, संस्कृति, युवा, उद्योग और पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक आयोजन में 2000 फीट लंबी मिथिला पेंटिंग तैयार की गई. इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना को मात्र एक दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया, जिसके लिए 1000 कलाकार राज्यभर से जुटे. सुबह 8 बजे से शुरू हुई यह कला साधना शाम 7 बजे तक जारी रही।.
पेंटिंग के दौरान पटना से आई दिव्यांग कलाकार ममता कुमारी की कला प्रतिभा और साधना देख बेहद चकित हुए। इस दौरान संस्थान की आचार्य पद्मश्री दुलारी देवी, पद्मश्री शिवन पासवान, डॉ. रानी झा, संजय कुमार जायसवाल, प्रतीक प्रभाकर के अलावा शशि कला देवी, विमला दत्ता, विभा दास, राम गोपाल पंडित आदि कलाकारों की भागीदारी रही।
मधुबनी जिला, जो सदियों से अपनी सांस्कृतिक और कलात्मक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, आज पूरे विश्व में अपनी पहचान को और मजबूत कर रहा है. मिथिला पेंटिंग, जिसे अपनी पारंपरिक शैली और गहराई के लिए जाना जाता है, इस आयोजन के माध्यम से इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली है. कार्यक्रम में मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, पटना और बिहार के अन्य जिलों से आए महिला, पुरुष, युवा और बच्चे इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बने.