asd दुनिया भर में अयोध्या का डंका, 15 दिन में 5 कीर्तिमान

दुनिया भर में अयोध्या का डंका, 15 दिन में 5 कीर्तिमान

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अयोध्या 14 नवंबर। राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण की शिला रखी, उसके बाद मानो देश-विदेश में अयोध्या का डंका बजने लग गया। दीपोत्सव तो प्रदेश में योगी सरकार के आते ही शुरू हो गया था, लेकिन मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद इसे और भी भव्य तरीके से मनाया जाने लगा। भव्य मंदिर में बाल रूप में श्रीराम के विराजमान होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में ऐतिहासिक दीपोत्सव मनाने का ऐलान कर दिया। यहां सरयू तट पर पांच दिन के भीतर ही तीन रिकॉर्ड बन गए। दो रिकॉर्ड सरयू आरती और दीपोत्सव के दीपों के मुख्यमंत्री खुद ही साक्षी थे।

श्रीराम की नगरी अयोध्या कीर्तिमानों का रिकॉर्ड बना रही है. अब तक यहां 15 दिन में दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक में पांच रिकार्ड बन चुके हैं. अब छठवां रिकॉर्ड कार्तिक पूर्णिमा के मेले पर बनाकर अयोध्या कीर्तिमान का सिक्सर लगा सकता है. इसे लेकर पूरी अयोध्या नगरी में हर्ष का माहौल है. राममय वातावरण में साधु-संतों से लेकर आम जन व श्रद्धालु भी इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकार को दे रहे हैं.

अयोध्या में राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित कर रिकार्ड बनाने का सीएम ने ऐलान किया था. इसे देखते हुए हर बार की तरह इस बार भी डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने वालंटियर लगाए थे. 35 हजार वालंटियर में स्कूल-कालेज के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं से जुड़े लोग भी शामिल रहे. 27 अक्टूबर से 55 घाटों पर दीये बिछाने का काम शुरू हुआ. महज 72 घंटे के अंदर ही स्वयंसेवकों ने दीये सजाकर नया रिकॉर्ड अयोध्या की झोली में डाल दिया.

दूसरा रिकॉर्ड- एक साथ 1100 बटुकों ने की सरयू आरती :30 अक्टूबर की शाम को सरयू नदी के किनारे एक नया रिकॉर्ड बना. वह था सरयू की आरती का. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से अयोध्या के प्रमुख साधु-संतों और 1100 बटुकों का नाम आरती करने की सूची में शामिल किया था. तीन दिन तक आरती का ट्रायल भी किया गया था. दीपोत्सव वाले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामकथा पार्क से सरयू आरती स्थल पहुंचे. यहां न सिर्फ उन्होंने आरती की बल्कि 1100 बटुकों ने एक ही रंग के वस्त्र धारण कर मां सरयू की आराधना की. 15 मिनट तक चलने वाली आरती के दौरान एक और नया रिकॉर्ड बन गया.

तीसरा रिकॉर्ड- 25 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित : वालंटियर की तीन दिन की कड़ी परीक्षा के बाद जब घड़ी आई मुख्य रिकार्ड बनाने की तो उसमें भी वे पीछे नहीं रहे. 30 अक्टूबर की सुबह से ही दीयों में तेल और बाती डालने का काम शुरू कर दिया. शाम को 6 बजे के बाद जब दीप जलाने का कार्य शुरू हुआ. लगभग सवा घंटे में ही सारे दीप जला दिए गए. गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम के काउंटिंग करने के बाद अयोध्या को 25 लाख 12 हज़ार 585 दीप जलाने एक और नया रिकॉर्ड बनाने का सर्टिफिकेट मिल गया.

चौथा रिकॉर्ड- 35 लाख श्रद्धालुओं ने की 14 कोसी परिक्रमा : रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद अब रिकॉर्ड बनाने की बारी श्रद्धालुओं की थी, सो उन्होंने कर दिखाया. कार्तिक परिक्रमा मेले से पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच गए. 9 नवम्बर की शाम साढ़े 6 बजे परिक्रमा उठाने का मुहूर्त था, लेकिन उससे पहले ही श्रद्धालुओं में आस्था इस कदर बढ़ गई कि उन्होंने मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दी. 24 घंटे चलने वाली परिक्रमा में रात के समय ऐसी भीड़ पहुंची कि जिला प्रशासन भी देखकर दंग रह गया. दूसरे दिन परिक्रमा का समापन दोपहर बाद 4:44 पर हुआ. 35 लाख श्रद्धालुओं के परिक्रमा करने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले कई वर्षों के मुकाबले कहीं अधिक रहा.

पांचवां रिकॉर्ड- 25 लाख श्रद्धालुओं के पंचकोसी परिक्रमा का अनुमान : 14 कोसी परिक्रमा के बाद अब बारी थी जिले वासियों की. माना जाता है कि 14 कोसी में बाहरी श्रद्धालु अधिक रहते हैं. पंचकोसी में शहरी अधिक शामिल होते हैं. 11 नवम्बर को दोपहर पौने दो बजे के करीब के मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने परिक्रमा उठाई. रात भर मार्ग पर पर मेले जैसा माहौल रहा. सड़क के किनारे व्यापारियों की भी चांदी रही. दूसरे दिन सुबह 11 बजे के बाद परिक्रमा का समापन हुआ. एक अनुमान के मुताबिक 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर पुण्य अर्जित किया है. बताया जाता है कुछ परिक्रमार्थी ऐसे भी थे जिन्होंने 14 कोस की परिक्रमा करने के बाद पंचकोसी परिक्रमा भी की है.

अयोध्या में 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान रहेगा। अब तक हुए मेले को देखते हुए जिला प्रशासन ने काफी प्रबंध कर रखे हैं। घाटों पर जल पुलिस और गोताखोरों को तैनात किया गया है। स्नान को ध्यान में रखते हुए चेंजिंग रूम भी बनवाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी बड़ी तैयारी की गई है। इसमें पक्का घाट पर आठ बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। 12 जगह पर अस्थायी स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। 15 स्थानों पर एम्बुलेंस तैनात की गई है। मेडिकल कॉलेज, जिला व श्रीराम अस्पताल मिलाकर 50 बेड रिजर्व कराया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरों से संदिग्धों पर नजर रखी जाएगी। महिला और पुरुष कर्मियों के अलावा जगह-जगह सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

मेले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खास निगाह है, इसलिए मंडलायुक्त समेत जिले के समस्त अधिकारी अपनी चौकसी बनाए हुए हैं। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक सब कुछ ठीक है। इस बार परिक्रमा में पिछली बार से काफी अधिक भीड़ थी। आने वाले दिनों में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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