Date: 21/11/2024, Time:

स्वतंत्रता आंदोलन में संघ की कोई भूमिका नहीं थीः खरगे

0

लातूर (महाराष्ट्र),14 नवंबर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी और उसके वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्वतंत्रता संग्राम और देश की एकता में कोई भूमिका नहीं होने का आरोप लगाया।खरगे ने सत्तारूढ़ पार्टी पर तीखा हमला करते हुए नारों – “बंटेंगे तो कटेंगे” और “एक हैं तो सुरक्षित हैं” की आलोचना की और इन्हें विभाजनकारी बताया।

लातूर में 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए खरगे ने भाजपा नीत महायुति सरकार को ‘‘चोरों की सरकार’’ करार दिया और चुनाव में उसकी हार का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा जिन्होंने कांग्रेस नेताओं द्वारा संविधान की पुस्तक लहराने पर सवाल उठाया था।

खरगे ने कहा कि जाति जनगणना, जिसका वादा कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किया था, उसका उद्देश्य एकता को बढ़ावा देना और सभी वर्गों के लिए लाभों का समान वितरण करना है। उन्होंने कहा, “जाति जनगणना लोगों को बांटने के लिए नहीं है।”

खरगे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगाए जा रहे क्रमशः ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे की आलोचना करते हुए कहा, “कांग्रेस नेताओं ने देश और सभी समुदायों को एकजुट रखने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। इसके विपरीत, भाजपा और संघ का स्वतंत्रता आंदोलन और देश की एकता में कोई योगदान नहीं था।”

खरगे ने कहा कि महायुति ‘चोरों की सरकार’ है। विधानसभा चुनाव देशद्रोहियों को सबक सिखाने का मौका है। रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या से लेकर धन के एकीकरण जैसे मुद्दों को उठाते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में प्रतिदिन सात किसान आत्महत्या करते हैं। भारत की 62 प्रतिशत संपत्ति पांच प्रतिशत आबादी की जमीनों में केंद्रित है। 50 प्रतिशत गरीबों के पास सिर्फ तीन प्रतिशत संपत्ति है। यह मोदी, (देवेंद्र) फडणवीस, (मुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे और (उपमुख्यमंत्री) अजित पवार की सरकार है।”

खरगे ने कहा कि मोदी को अपने प्रदर्शन और कार्य विचारधारा के बारे में बोलना चाहिए तथा झूठ फैलाने से बचना चाहिए।
उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, मनरेगा और भोजन का अधिकार अधिनियम को कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों के रूप में गिनाया. खरगे ने कहा, “भाजपा ने केवल झूठे वादे किए, जबकि कांग्रेस सरकारों ने कारखाने लगाने के लिए काम किया था.” रैली में संविधान की एक प्रति हाथ में लिए खरगे ने समाज और समानता के लिए बी.आर. आंबेडकर के योगदान का जिक्र किया.

उन्होंने कहा, “केवल आंबेडकर का संविधान ही समाज के सभी वर्गों को सुरक्षा की गारंटी देता है. मोदी कहते हैं कि कांग्रेस संविधान की खाली प्रति दिखा रही है. क्या यह खाली है?” खरगे ने कहा, “मोदी कहते हैं कि संविधान संदर्भ पुस्तक का लाल रंग नक्सलवाद का प्रतीक है और विपक्ष को शहरी नक्सली कहते हैं. मोदी ने (संविधान की) वही प्रति तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दी थी. क्या हमें उन्हें शहरी नक्सली कहना चाहिए?” उन्होंने महाराष्ट्र को आगे बढ़ाने में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिवंगत विलासराव देशमुख के योगदान को याद किया, जो लातूर से थे. कांग्रेस प्रमुख ने विलासराव के बेटों और मौजूदा विधायकों अमित और धीरज का समर्थन किया, जो लातूर जिले से चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने कहा कि अमित देशमुख के कारण लातूर को 2,400 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं मिलीं.

खरगे ने कहा, “विलासराव देशमुख ने मराठवाड़ा के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की, जल समाधान को प्राथमिकता दी, जिससे लातूर और मराठवाड़ा समृद्ध क्षेत्रों में बदल गए. हालांकि, मौजूदा केंद्र सरकार के तहत, किसानों को सोयाबीन और कपास के उचित मूल्य निर्धारण के साथ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.” उन्होंने दावा किया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है.

खरगे ने सवाल किया, “मोदी सरकार ने सभी क्षेत्रों में कीमतें बढ़ा दी हैं, मुद्रास्फीति बढ़ा दी है और लगभग हर चीज पर कर लगा दिया है. उन्होंने सोयाबीन और कपास की दरें क्यों नहीं बढ़ाईं?” उन्होंने फसलों की कीमतों को लेकर उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा. खरगे ने आरोप लगाया, “विपक्ष में रहते हुए फडणवीस ने सोयाबीन के लिए 6,000 रुपये का दाम मांगा था. अब वह सत्ता में हैं लेकिन किसानों को 4,800 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है.”

Share.

Leave A Reply