asd खाद्य और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी दें ध्यान, लाइसेंस रद कर एफआईआर कराई जाए दर्ज, गांव देहातों से लेकर बड़े शहरों व देश की राजधानी तक के पेट्रोल पंप नहीं नागरिकों को उपलब्ध करा रहे हैं जनसुविधाएं

खाद्य और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी दें ध्यान, लाइसेंस रद कर एफआईआर कराई जाए दर्ज, गांव देहातों से लेकर बड़े शहरों व देश की राजधानी तक के पेट्रोल पंप नहीं नागरिकों को उपलब्ध करा रहे हैं जनसुविधाएं

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केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनहित में कार्य करने और आम आदमी को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से पेट्रोल पंपों पर पेयजल और स्वच्छ बाथरूम, बैठने के लिए स्थान व वाहनों में हवा भरवाने आदि की व्यवस्था की गई बताई जा रही है। लेकिन इन आदेशों व नियमों को लागू करवाने में सक्षम पेट्रोलियम व जिला आपूर्ति विभाग के अफसरों की उदासीनता व लापरवाही के चलते देशभर के गांव देहातों की बात तो छोड़ दें बड़े शहरों व महानगरों दिल्ली में मौजूद पेट्रोल पंपों पर या तो यह सब सुविधाएं है ही नहीं और हैं तो उनकी सफाई व देखभाल ना होने के चलते लोग इनमें जाने से बचते हैं। मजबूरी हो तो मुंह पर मास्क लगाकर ही अंदर घुसता है क्योंकि ना तो बाथरूम में फलैश सही नजर आती है और ना ही पानी और हाथ धोने की सुविधा। जो एग्जास्ट लगने चाहिए वो भी नहीं लगते जिससे वहां दमघोटू और बदबू वाला वातावरण बन जाता है। जब पेट्रोल पंप कर्मियों से शिकायत बुक की मांग की जाती है तो वह भी उनके द्वारा नहीं जी जाती और कई जगह तो कुछ असामाजिक तत्व भी कर्मचारियों के आसपास मंडराते रहते हैं और सभी वर्दी पहनकर नहीं रहते इसलिए पहचान नहीं हो पाती। जिसके चलते शिकायत करने पर यह लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। कितने ही ग्राहकों का कहना होता है कि मशीन में तकनीकी खराबी कर पेट्रोल कम नापा जाता है। और ग्राहक इसके खिलाफ ना बोले इसलिए माहौल को अजीब प्रकार से तनावपूर्ण बनाकर रखा जाता है। वैसे तो यह काम सरकारी अधिकारियों का है वो करते नहीं और आम आदमी अपनी समस्याओं में इतना उलझ गया है कि वो दो लाइन लिखकर अधिकारियों को भेजने का समय नहीं निकाल पाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए और पीएम की जनसुविधाएं उपलब्ध कराने की भावना को देखते हुए पेट्रोलियम खाद्य आदि मंत्रालय के अधिकारी जो जिम्मेदार हैं उनसे उच्चाधिकारी पेट्रोल पंपों का माहौल सदभावनापूर्ण बनवाने और निर्धारित सुविधाएं दिलाने के निर्देश समय समय पर दें और विभागीय अफसर निरीक्षण भी करें और अगर पेट्रोल पंप संचालक यह सुविधा नहीं देता है तो उसका लाइसेंस निरस्त करने के साथ एफआईआर भी दर्ज कराई जाए क्योंकि जन स्वास्थ्य व पीएम के स्वच्छता वातावरण की अभियान की सफलता हेतु यह जरूरी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए विभागीय अधिकारियों को भी सक्रिय किया जाए और जो अपनी जिम्मेदारी पूरी ना करे उसके विरूद्ध कार्रवाई भी की जाए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)

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