छात्र जीवन से ही जुझारू और कर्मशील नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे सरधना विधायक अतुल प्रधान का स्वास्थ्य और शिक्षा मुददे पर आंदोलन शुरू हुआ और इसके शुरूआती दौर में बड़ी संख्या में नागरिक जुटे उसे देखकर यह स्पष्ट हो रहा था कि महंगी होती शिक्षा और चिकित्सा को लेकर जो यह प्रयास विधायक ने शुरू किया है उसे आम आदमी का भरपूर समर्थन मिल रहा है। ऐसा इसलिए भी कह सकते हैं कि आज जहां भी भीड़ नजर आई वहां अतुल प्रधान का आंदोलन ही चर्चाओं में रहा। जो किसी भी प्रयास की सफलता का प्रतीक कह सकते हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि डॉक्टरों द्वारा कहा जा रहा है कि वो आंदोलन करें हम समाजसेवा करेंगे। आईएमए करेगा बालिकाओं के निशुल्क स्वास्थ्य के लिए जांच। तथा सप्ताह में तीन निशुल्क स्वास्थ्य सेवा शिविर लगाए जाएंगे। आम आदमी को बीमारी की हालत में आराम और चिकित्सा सुविधा देकर उसे पीड़ा से बचाने के लिए हमेशा धरती पर कल्याणकर्ता के रूप में देखे जाने वाले डॉक्टरों का यह प्रयास सराहनीय है और इसके लिए आईएमए मेरठ की अध्यक्ष डॉ. अनुपमा सिरोही और उनकी टीम के सदस्यों को धन्यवाद भी दिया जाना चाहिए कि भले ही अतुल प्रधान के आंदोलन को लेकर जनता का डॉक्टरों के प्रति रूख को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया हो मगर एक अच्छी शुरूआत है। अगर शहर के डॉक्टर हमेशा ही आम आदमी के हित में इतना सोचने लगे तो यह आंदोलन की नौबत क्यों आती।
जो भी हो डॉक्टरों का प्रयास सराहनीय है और इससे उनकी छवि में सुधार होगा तो शिक्षा और चिकित्सा महंगी होने के विरोध में तथा कुछ नर्सिंग होमों द्वारा जो कार्यप्रणाली अपनाई गई है उसके खिलाफ आंदोलन सपा विधायक ने शुरू किया है उससे उनकी लोकप्रियता में बेतहाशा वृद्धि होती नजर आ रही है। इसलिए यह कह सकते हैं कि जनहित में ऐसे आंदोलन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिखाये मार्ग पर चलकर किए जाते रहने चाहिए क्योंकि इसका लाभ नागरिकों को ही मिलता है। अब जीते जागते उदाहरण के रूप में अनुपमा सिरोही के मार्गदर्शन में जो यह प्रयास किए गए हैं उसे देखा जा सकता है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
महंगी चिकित्सा शिक्षा को लेकर आंदोलन, विधायक की लोकप्रियता में हो रही है बढ़ोत्तरी, डॉक्टर पहले से ही ऐसे निर्णय लेते तो यह नौबत ही क्यों आती
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