लखनऊ 09 अक्टूबर। प्रयागराज जनपद में लगने वाले महाकुंभ मेले में शराब और मांस आदि का सेवन करने वाले पुलिसकर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाई जायेगी. इस सम्बन्ध में पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से प्रदेश के सभी जनपदों को सूचित किया गया है. ऐसे पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी मेले में नहीं लगाई जायेगी जो मूल रूप से प्रयागराज जनपद के रहने वाले हैं. मेले में ड्यूटी लगाते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि तैनात किये जाने वाले पुलिसकर्मी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ एवं व्यवहार कुशल हों.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ में शराब पीने वाले और मांसाहार का सेवन करने वाले पुलिसकर्मियों की ड्यूटी कुंभ मेला क्षेत्र में नहीं लगाने की निर्देश दिए हैं। साथ ही साथ यह भी कहा है कि कुंभ मेला क्षेत्र में केवल ऐसे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए, जिसका चाल-चरित्र और उनकी कार्यशैली बेदाग हो। डीजीपी मुख्यालय से सभी कमिश्नरेट और रेंज में भेजे गए आदेश में कहा गया है कि कुंभ मेले के लिए भेजे जाने वाले पुलिस बल के जवानों में इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही साथ उनकी सत्यनिष्ठा, आचरण और आम जनता में छवि को परख कर ही कुंभ मेले की ड्यूटी में भेजा जाए।
इसके अलावा पुलिस करने की आयु सीमा को लेकर निर्देश जारी किया गया है, ताकि अधिक उम्र दराज लोगों को वहां न भेजा जाए। पुलिस मुख्यालय के एडीजी स्थापना संजय सिंघल की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि महाकुंभ मेले में भेजे जाने वाले पुलिसकर्मियों की आयु 40 वर्ष के नीचे होनी चाहिए। इसी तरह मुख्य आरक्षी श्रेणी के पुलिसकर्मी 50 वर्ष से अधिक आयु के नहीं भेजी जाने चाहिए। वहीं उपनिरीक्षकों और निरीक्षकों की आयु सीमा 55 साल से नीचे होनी चाहिए।
पुलिस द्वारा दिए गए निर्देश में यह भी बताया गया है कि कुंभ मेला क्षेत्र में ऐसे किसी भी पुलिसकर्मी को नहीं भेजा जाए, जो मूल रूप से प्रयागराज जिले का रहने वाला हो और साथ ही साथ वह शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ हो। अगर कोई पुलिसकर्मी शराब तथा मांस का सेवन करता है तो ऐसे पुलिस वालों की ड्यूटी मेले में न लगायी जाए।
योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिए गए इस निर्देश के बाद से पुलिस महकमे के लोग काफी सतर्क हो गए हैं और यह माना जाने लगा है कि पुलिस व्यवस्था को चुस्त व दुरुस्त बनाने और कुंभ मेले में केवल ऐसे लोगों के ड्यूटी लगाने के पीछे सरकार की एक खास रणनीति है। वह संदेश देना चाह रही है कि वह धार्मिक आस्था के महापर्व को ऐतिहासिक बनाना चाह रही है