आगरा 08 अक्टूबर। ताजमहल या तेजोमहालय विवाद की लघुवाद न्यायालय में सोमवार दोपहर सुनवाई हुई. पिछली तारीख पर मुस्लिम पक्ष के सैय्यद इब्राहिम हुसैन जैदी ने इस मामले में वादी बनने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. जिसमें कहा था कि वादी योगी यूथ ब्रिगेड, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) व भारत संघ मिले हुए हैं, इसलिए ताजमहल के मामले को तूल देते हैं. जबकि, ताजमहल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. जिस पर सोमवार की सुनवाई में वादी पक्ष योगी यूथ ब्रिगेड के अधिवक्ता ने अदालत में अपनी आपत्ति दाखिल की है. न्यायाधीश ने अब वादी की दाखिल आपत्ति पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 23 अक्टूबर दी है.
वादी कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि न्यायालय से मुस्लिम पक्ष से सैय्यद इब्राहिम हुैसन जैदी ने कोर्ट में खुद को वादी बनाए जाने का प्रार्थना पत्र दिया था. सैय्यद इब्राहिम हुसैन जैदी ने अपने प्रार्थना पत्र में लिखा था कि वादी पक्ष के साथ ही इस मामले में एएसआई और भारत संघ मिले हुए हैं. इसलिए बेमतलब ही ताजमहल के मामले को तूल दिया जा रहा है, जबकि असल में ताजमहल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. इसमें आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा था. जिस पर सुनवाई में अपनी आपत्ति दाखिल की है. अगली सुनवाई के लिए अब 23 अक्टूबर की तारीख नियत की गई है. पिछली सुनवाई में प्रार्थना पत्र एवं साक्ष्यों की नकल सैय्यद इब्राहिम हुसैन जैदी को मुहैया कराई गई थी. इसके साथ ही यूनियन ऑफ इंडिया के जरिए सचिव सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार को पक्षकार बनाने के लिए संशोधित प्रार्थना पत्र दाखिल किया था.
वादी कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने लिखित आपत्ति दाखिल करते हुए कहा कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी का ताजमहल से कोई लेना-देना नहीं है और ना हीं वह उनकी स्वयं की संपत्ति है। इसलिए वह पक्षकार नहीं बन सकते हैं। सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी टीआरपी पाने के लिए मनगढ़ंत कहानी गढ़ रहे हैं।
वादी कुंवर अजय तोमर ने बताया कि ताजमहल तेजोमहालय है, जो शिव मंदिर है और करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। वर्तमान में भारत सरकार की संपत्ति है न कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। कुंवर अजय तोमर ने कहा कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी का ताजमहल से कोई लेना-देना नहीं है, तो उन्हें पक्षकार बनने का कोई अधिकार ही नहीं है।
सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी सबसे पहले तो इस बात के साक्ष्य दें की क्या वह शाहजहां या मुमताज के वंशज हैं। उनकी कौन सी पीढ़ी में आते हैं। अजय तोमर ने कहा कि इनके पास न तो ताजमहल के कोई साक्ष्य हैं और न वक्फ बोर्ड की जमीन होने के कोई साक्ष्य हैं। यह न्यायालय को गुमराह कर रहे हैं। देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं जो की निंदनीय है। वक्फ बोर्ड के जरिए किसी भी जमीन पर हक जताना अब नहीं चलेगा।
बता दें कि योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने ताजमहल को तेजोमहालय बताते हुए 23 जुलाई को सावन के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक एवं अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर अपने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर एवं झम्मन सिंह रघुवंशी के द्वारा वाद दाखिल किया था, जिसमें प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल को बनाया गया था। अब इसमें यूनियन ऑफ़ इंडिया (भारतीय संघ) भी प्रतिवादी बनाया गया है।