लखनऊ 20 सितंबर। सेवानिवृत्त आईएएस अफसर मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को करीब 100 करोड़ रुपये की कीमत की चल-अचल संपत्तियों के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। अधिकारियों ने सिंह से 14 घंटे तक पूछताछ की।
मोहिंदर के आवास से मिले दस्तावेजों की जांच में अरबों की चल-अचल संपत्तियाें का पता चला है। अधिकारियों ने जब उनसे अकूत संपत्ति में निवेश की गई रकम के स्रोत के बारे में पूछा, तो वह कोई सही जवाब नहीं दे सके। छापे में मिले कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों की जानकारी होने से इनकार किया।
पूर्व आईएएस मोहिन्दर सिंह साल 2007 से 2011 के बीच बसपा सरकार कई अहम पदों पर रहे हैं. उन्होंने नोएडा और लखनऊ में करोड़ों की लागत से महापुरुषों के नाम पर स्मारक और पार्कों का निर्माण करवाया. इसके अलावा कई निजी बिल्डरों को भी फायदा पहुंचाने का आरोप है.
सूत्रों के मुताबिक ईडी की रेड में मोहिंदर सिंह के घर से करीब एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे मिले हैं इनमें एक हीरे की क़ीमत पांच करोड़ रुपये हैं. इसके अलावा 7 करोड़ की कीमत के सोने के जेवरात और केस से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. ये 300 करोड़ रुपये का घोटाला था, जिसमें ED ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था. दावा है कि अब तक यूपी में किसी सरकारी अफसर के घर से छापे में इतने हीरे नहीं मिले हैं.
बसपा सरकार में मोहिंदर सिंह की धाक हुआ करती थी, उन पर आरोप है कि नोएडा अथॉरिटी के CEO रहते हुए बिल्डरों संग मिल कर 636 करोड़ का जमीन घोटाला किया था. लोटस प्रोजेक्ट के संचालकों के साथ उनकी अच्छी सांठ-गांठ थी, जिनके साथ मिलकर उन्होंने करोड़ों का वारा न्यारा किया, इस मामले में अब विजिलेंस भी एक्टिव हो गई है.
ईडी के छापे के बाद विजिलेंस भी उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस देने जा रही है. ईडी स्मारक घोटाले में उनसे सवाल-जवाब कर सकती है. स्मारक घोटाले में उनका नाम आने के बाद वो ऑस्ट्रेलिया चले गए थे. वहां से क़रीब दो साल बाद वो वापस लौटे हैं.