बरेली 21 जून। उत्तर प्रदेश के बरेली में आंवला-बदायूं रोड पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब लोगों ने देखा कि नौ युवतियां जींस-टॉप पहनकर सड़क पर घूम रही हैं और राह चलते लोगों को रोककर उनसे मदद की गुहार लगा रही हैं.
युवतियां कह रही थीं कि वे बहुत परेशान हैं. घर की हालत खराब है और उन्हें थोड़ी-सी आर्थिक मदद चाहिए. कई लोगों ने इनकी बातों में आकर 100-200 रुपये भी दे दिए. लेकिन कुछ लोगों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी. सूचना मिलते ही आंवला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सभी युवतियों को पकड़कर थाने ले आई. पूछताछ में पता चला कि ये सभी युवतियां गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली हैं. बरेली कैसे पहुंचीं, इसका कोई ठोस जवाब नहीं दे सकीं.
पुलिस ने बताया कि ये युवतियां सड़क पर खड़े होकर राहगीरों को इमोशनल बातें बताकर पैसे मांग रही थीं, जो शांति व्यवस्था में बाधा डालने जैसा है. पुलिस की पूछताछ में युवतियों ने अपने नाम बताए हैं, जिनमें उर्मी (28), नीतू (25), कुसुम (25), अंजलि (21), सुनीता (26), रीना (20), मनीषा (20), पूनम (25) और टीना (26) शामिल हैं. सभी के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो-दो लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
आंवला कोतवाल कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि युवतियों को थाने लाकर पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि वे आर्थिक तंगी की वजह से ऐसा कर रही थीं. लेकिन इस तरह सड़क पर लोगों से पैसे मांगना, वह भी दूसरे राज्य से आकर, कानूनन गलत है. इसलिए शांतिभंग में चालान किया गया और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया.
इस मामले के बाद पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई इस तरह से सड़क पर मदद मांगता नजर आए, तो बिना पुष्टि के पैसे न दें। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें. क्योंकि कई बार ऐसे मामलों के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क भी हो सकता है, जो शहर में कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है. फिलहाल सभी युवतियां जमानत पर बाहर हैं.