बिजनौर 06 मई। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के पर्यावरण अधिकारी ने उत्तर प्रदेश शासन मुख्य बिना अनुमति लिए बाग से आम के 79 पुराने पेड़ काटने को लेकर 3.61 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि पेड़ों के अवैध कटान से पर्यावरणीय क्षति हुई है। एक पेड़ से पर्यावरणीय क्षति साढ़े चार लाख रुपये से अधिक मानी गई है। उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के अंदर संतोषजनक स्पष्टीकरण न देने पर जुर्माने की रकम जमा करने के आदेश दिए हैं। पेड़ काटने वाले आरोपित के बेटे ने ही इनके खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण में केस दर्ज कराया था।
मामला मंडावर के खाता संख्या 331 की भूमि का है जहां देवेश कुमार शर्मा का 1.587 हेक्टेयर का आम का बाग है जिसमें 82 पेड़ थे। राजस्व विभाग के रिकार्ड में पेड़ों की आयु 70 से 75 वर्ष थी। कुछ पेड़ों को रोगग्रस्त भी माना गया था। पिछले वर्ष फरवरी से मार्च के बीच बिना अनुमति के बाग में 79 पेड़ काट दिए गए थे। इस मामले में वन विभाग ने देवेश कुमार शर्मा पर पेड़ों के अवैध कटान कराने पर लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसी मामले में देवेश शर्मा के बेटे दीपांक शर्मा ने ही बना अनुमति पेड़ काटने की शिकायत करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण में केस दर्ज कराया था । राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 29 अप्रैल को जारी आदेश में कहा है कि 15 दिन के अंदर उनका स्पष्टीकरण न मिलने या संतोषजनक उत्तर न मिलने पर यह जुर्माना उन पर लागू कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने शिकायत मिलने पर मामला दर्ज किया और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों की पड़ता की। साथ ही जिलाधिकारी से संबंधित मामले में रिपोर्ट भी मांगी। इसके अलावा उत्तराखंड प्रदूषण विभाग से भी जांच कराई गई। मा बिंदुओं पर जांच-पड़ताल के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण के मुख्य पर्यावरण अधिकारी उत्तर प्रदेश ने आरोपित पर जुर्माने के आदेश किए हैं।