Date: 18/09/2024, Time:

78वां स्वतंत्रता दिवस: पीएम मोदी ने कहा- ‘देश में एक सेकुलर सिविल कोड हो, 75 हजार नई मेडिकल सीटें बनेंगी….

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नई दिल्ली 15 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का नेतृत्व किया. प्रतिष्ठित स्मारक ‘विकसित भारत 2047’ के साकार होते सपने का साक्षी बना. भव्य समारोह को देखने के लिए लगभग 6,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराए और राष्ट्र को संबोधित किया. इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस की थीम ‘विकसित भारत 2047’ है. यह समारोह 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की दिशा में सरकार के प्रयासों को नए सिरे से बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया. इससे पहले उन्होंने राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराए जाने के अवसर पर भारतीय वायु सेना के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों द्वारा पुष्प वर्षा की गई.

78वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज का दिन उन अनगिनत ‘आजादी के दीवाने’ को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया. यह देश उनका ऋणी है.’
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, अपनी संपत्ति खोई है. देश को भी नुकसान उठाना पड़ा है. आज मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि संकट की इस घड़ी में देश उनके साथ खड़ा है.’
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से कहा, ‘हमें गर्व है कि हम उन 40 करोड़ लोगों का खून अपने साथ लेकर चलते हैं, जिन्होंने भारत से औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंका. आज, हम 140 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प लें और एक दिशा में एक साथ आगे बढ़ें, तो हम रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते हुए 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं.’
‘हमने ‘वोकल फॉर लोकल’ का मंत्र दिया. आज मुझे खुशी है कि वोकल फॉर लोकल, आर्थिक व्यवस्था का नया मंत्र बन गया है. हर जिले को अपनी उपज पर गर्व होने लगा है. ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ का माहौल बन रहा है.’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘विकसित भारत 2047 के लिए हमने देशवासियों से सुझाव मांगे थे. हमें जो सुझाव मिले, वे हमारे नागरिकों के सपनों और आकांक्षाओं को दर्शाते हैं. कुछ लोगों ने भारत को कौशल की राजधानी बनाने का सुझाव दिया, तो कुछ अन्य ने कहा कि भारत को विनिर्माण का केंद्र बनाया जाना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. शासन और न्याय प्रणाली में सुधार, ग्रीनफील्ड शहरों का निर्माण, क्षमता निर्माण, भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन – ये नागरिकों की आकांक्षाएं हैं. जब देश के लोगों के पास इतने बड़े सपने होते हैं, तो यह हमारे आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है और हम अधिक दृढ़निश्चयी बनते हैं.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘हम कोरोना काल को कैसे भूल सकते हैं? हमारे देश ने दुनिया भर में सबसे तेजी से करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाई. यह वही देश है जहां आतंकवादी आकर हम पर हमले करते थे. जब देश की सेनाएं सर्जिकल स्ट्राइक करती हैं, जब वह एयर स्ट्राइक करती हैं, तो देश के युवाओं का सीना गर्व से भर जाता है. इसलिए आज देश के 140 करोड़ नागरिक गौरवान्वित हैं.’

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई और हमने जमीन पर बड़े सुधार किए. मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं, सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता संपादकीय तक सीमित नहीं है. सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता कुछ दिनों की सराहना के लिए नहीं है. हमारी सुधार प्रक्रिया किसी मजबूरी के तहत नहीं है, यह देश को मजबूत करने के इरादे से है. इसलिए, मैं कह सकता हूं कि सुधारों का हमारा मार्ग एक तरह से विकास की रूपरेखा है. ये सुधार, ये विकास, ये बदलाव सिर्फ वाद-विवाद क्लबों, बौद्धिक समाजों और विशेषज्ञों के लिए चर्चा का विषय नहीं है. हमने ये राजनीतिक मजबूरियों के लिए नहीं किया. हमारा एक ही संकल्प है- राष्ट्र प्रथम.’

वहीं अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए छात्र कहां-कहां जाते हैं. वह सोचकर हैरानी होती है. उन्होंने कहा कि 25 हजार भारतीय स्टूडेंट्स हर साल मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं. मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी होने के बाद छात्र अपने देश में ही अच्छी पढ़ाई कर सकेंगे. एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए छात्रों को विदेशों में नहीं जाना पड़ेगा.

अंतरिक्ष क्षेत्र पर पीएम मोदी ने कहा, ‘अंतरिक्ष क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पहलू है. हमने इस क्षेत्र में कई सुधार किए हैं. आज, कई स्टार्टअप इस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं. अंतरिक्ष क्षेत्र जो जीवंत हो रहा है, भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में एक आवश्यक तत्व है. हम दीर्घकालिक विचार के साथ इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इसे मजबूती दे रहे हैं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज हमारे साथ वो युवा भी हैं जिन्होंने ओलंपिक में भारत का झंडा बुलंद किया. 140 करोड़ देशवासियों की ओर से मैं अपने सभी खिलाड़ियों और खिलाड़ियों को बधाई देता हूं. अगले कुछ दिनों में भारत का एक बहुत बड़ा दल पैरालिंपिक में भाग लेने के लिए पेरिस के लिए रवाना होगा. मैं अपने सभी पैरालिंपियन को शुभकामनाएं देता हूं. भारत ने बड़े पैमाने पर जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करके यह साबित कर दिया है कि भारत में बड़े पैमाने के आयोजन करने की क्षमता है. 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना भारत का सपना है, हम उसके लिए तैयारी कर रहे हैं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘एक पड़ोसी देश के तौर पर मैं बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उससे जुड़ी चिंता को समझ सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि वहां स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाएगी. 140 करोड़ देशवासियों की चिंता वहां के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश समृद्धि और शांति के मार्ग पर चले. हम शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं. आने वाले दिनों में हम बांग्लादेश की ‘विकास यात्रा’ के लिए शुभकामनाएं देते रहेंगे क्योंकि हम मानवता के कल्याण के बारे में सोचते हैं.’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने बार-बार चर्चा की है. कई बार आदेश दिए हैं. देश का एक बड़ा वर्ग मानता है और यह सच है, कि जिस नागरिक संहिता के साथ हम रह रहे हैं, वह वास्तव में एक तरह से सांप्रदायिक नागरिक संहिता है. मैं कहूंगा कि समय की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो. तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो सकेंगे.’

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