नई दिल्ली 11 जून। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 7121 हो चुकी हैं। बीते 24 घंटे में 300 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने से पहले सभी को करवाना होगा RT-PCR टेस्ट। सभी मंत्रियों के लिए भी कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। हाल ही में 3 राज्यों से कोविड-19 से मौतों की रिपोर्ट सामने आई थी। दिल्ली में एक 90 वर्षीय महिला की मृत्यु हुई, जिन्हें पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं जैसे कि कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर और क्रॉनिक किडनी डिजीज।
वहीं, झारखंड में 44 वर्षीय पुरुष की मृत्यु एस्पिरेशन निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS), सेप्टिक शॉक, हाइपरटेंशन और हाइपोथायरॉयडिज्म के चलते हुई, इस मरीज को भी कोरोना हुआ था। वहीं, केरल में 79 वर्षीय पुरुष की मौत कोरोना, निमोनिया, मल्टी ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम और सेप्सिस के कारण हुई। केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव मामलों की पुष्टि हुई है। हेल्थ मिनिस्ट्री से मिले अपडेट के अनुसार, राज्य में फिलहाल कोरोना के एक्टिव केस 2053 हो चुके हैं। इसके अलावा गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ कर्नाटक और हरियाणा में भी नए मामले मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना के नए वैरिएंट से 74 मौतें हुई हैं। मंगलवार को 6 लोगों ने जान गंवाई। इनमें केरल में 3, कर्नाटक में 2 और महाराष्ट्र में एक मौत हुई है। बीते 10 दिन में 3000 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 40 मरीजों की मौत हुई है। हर दिन 350 से ज्यादा नए केस दर्ज हो रहे हैं।
केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- कोरोना का नया वैरिएंट बुजुर्गों और दूसरी बीमारियों वाले मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है। राज्य के सभी अस्पतालों को सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों का कोविड टेस्ट करने का निर्देश दिया है।
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, लोगों को चिंता नहीं, बस सतर्क रहना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।
NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।