गाजियाबाद, 15 मार्च। बैंक क्लर्क भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वाले छह दोषियों को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने गत दिवस तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपियों में एक नवीन तंवर है, जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के एक जिले में बतौर एडीएम के पद पर तैनात है। गाजियाबाद के गोविंदपुरम में आइडियल इन्सटीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी है। यहां 13 दिसंबर 2014 को बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा क्लर्क भर्ती परीक्षा कराई गई। एक सूचना पर सीबीआई ने यहां छापा मारा और स्टूडेंट्स की जगह परीक्षा दे रहे नवीन तंवर व सावन को गिरफ्तार किया। ये दोनों क्रमशः स्टूडेंट्स अमित सिंह व अजयपाल की जगह बैठकर परीक्षा दे रहे थे। पूछताछ में दो नाम सुग्रीव गुर्जर और हनुमत गुर्जर सामने आए। इन दोनों बिचौलियों ने स्टूडेंट्स से रुपए लेकर दोनों सॉल्वरों को परीक्षा देने एग्जाम सेंटर पर भेजा था। सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ 12 मार्च 2015 को कोर्ट में चार्जशीट पेश की। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 22 गवाह और 28 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए थे।
इस मामले की अंतिम सुनवाई गाजियाबाद में सीबीआई के स्पेशल न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा की अदालत में हुई। कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर सभी छह अभियुक्तों को दोषी मानते हुए तीन-तीन साल साल कारावास की सजा सुनाई है। इन सभी पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने इन सभी को सजा के खिलाफ अपील करने के लिए एक महीने की बेल भी दी है। कोर्ट में जजमेंट के दौरान छठा आरोपी नवीन तंवर मौजूद नहीं था। जिस पर कोर्ट ने नवीन का गैर जमानती वारंट जारी किया और उसे सजा सुनाने के लिए 21 मार्च की तारीख तय की है।