शामली 31 मई। ट्रेन में लूटपाट के दौरान पति की हत्या के बाद एटीएम डेबिट कार्ड पर पांच लाख रुपये का दुघर्टना बीमा क्लेम न देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने नोएडा स्थित एक्सिस बैंक शाखा प्रबंधक व कारपोरेट हेड पर 6.60 लाख रुपये का जुर्माने का आदेश दिया है। इनमें पांच लाख रुपये बीमा क्लेम की राशि मय ब्याज सहित परिवादी मृतक की पत्नी एवं दस हजार रुपये वाद व्यय और एक लाख रुपये मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में अदा करने के आदेश दिए है। साथ ही 50 हजार रुपये का अतिरिक्त अर्थदंड के रूप में राजकीय कोष में जमा कराने के आदेश दिए है।
शामली के गांव मालैंडी निवासी सुमन शर्मा पत्नी स्व. अश्वनी कुमार ने साल 2022 में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया था। जिसमें सुमन शर्मा ने बताया था कि पति अश्वनी कुमार का नोएडा के सेक्टर 16 में स्थित एक्सिस बैंक शाखा में खाता था, जिसमें एटीएम कार्ड (टाइटेनियम) की सुविधा मिली हुई थी। अश्वनी कुमार की रेल में हुई अचानक लूटपाट की घटना के दौरान विरोध करने पर 4 अक्टूबर 2016 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एटीएम डेबिट कार्ड पर पांच लाख का दुर्घटना बीमा था।
सुमन शर्मा ने बीमा क्लेम प्राप्त करने के लिए अश्वनी कुमार के मृत्यु की सूचना प्रतिवादी को दी, लेकिन एटीएम डेबिट कार्ड इंश्योरेंस क्लेम की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आपत्ति उठाई कि एटीएम कार्ड से काेई ट्रांजेक्शन निर्धारित समय अवधि 90 दिन के बीच मृतक ने नहीं की। इसका जवाब वादी ने विपक्षी को दे दिया, जिसमें बैंक की स्टेटमेंट आठ अप्रैल 2016 की खरीदारी से स्पष्ट है।
वादी ने यह भी अवगत कराया कि उसका घर शाखा कार्यालय से 130 किमी पड़ता है, जहां से उसे कई बार आना जाना पड़ा है। इससे उसे आर्थिक, मानसिक पीड़ा सहन करनी पड़ी। इसके बाद भी उसका क्लेम सेटल नहीं किया गया।
वादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 24 नवंबर 2020 को नोटिस बैंक अधिकारियों को भेजा गया। इसके जवाब में 24 नवंबर 2020 को रेपुटेशन लेटर भेजा गया, मृत्यु का कारण दुर्घटना न मानकर क्लेम देने इंकार किया गया, जबकि वादी के पति ने उसे नामिनी बनाया था।
जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने सदस्य अमरजीत कौर एवं अभिनव अग्रवाल की मौजूदगी में निर्णय सुनाया। 15 मई को इसमें अंतिम बहस के बाद 29 मई को निर्णय दिया गया।
स्पष्ट किया कि मृतक अश्वनी की दुर्घटना में मृत्यु होने के कारण बीमा क्लेम की धनराशि पांच लाख रुपये बीमा दावा प्रस्तुत करने से तीन माह बाद की तिथि से अंतिम अदायगी तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अदा करेंगे।
मानसिक आर्थिक एवं शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए एक लाख रुपये, वाद खर्च 10 हजार रुपये एवं 50 हजार रुपये अर्थ दंड लगाया गया। जिसमें अर्थदंड की धनराशि वादी को देय नहीं होगी।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि निर्धारित अवधि 45 दिवस के भीतर यदि धनराशि जमा न कराई गई तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।