लखनऊ 05 जुलाई। बिहार में एक दिन के अंदर पांच पुल गिरने के बाद सीएम यागी ने यूपी में 50 साल पूरे कर चुके सभी पुलों के निरीक्षण कराने का आदेश दिया है। सीएम योगी ने कहा, यूपी के सभी सेतुओं के सुपर स्ट्रक्चर, पियर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेन्ट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाए। निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नज़र आता हो तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए। स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत सात वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के सापेक्ष आज 2024 में स्टेट हाइवे 7002 किमी से बढ़कर 10214 किमी हो गया है, जबकि ग्रामीण मार्गों की लंबाई 1,87,517 किमी से बढ़कर 1,93,581 किमी हो गई है। इसी प्रकार, प्रमुख जिला मार्गों और अन्य जिला मार्गों का संजाल में भी विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 9 किमी मार्गों का चौड़ीकरण / सुदृढ़ीकरण हो रहा है और हर दिन गांवों में लगभग 11 किमी नई सड़क बन रही है। विकास के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश में सड़क निर्माण की यह गति अभूतपूर्व है। इसे और बेहतर करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी दिनों में कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जिलों में इनसे जुड़े मार्गों को शत-प्रतिशत गड्ढामुक्त किया जाए। 15 जुलाई तक यह कार्य पूरा करा लिया जाए। ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लॉक मुख्यालयों को 2 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए। यह संतोषप्रद है कि कुल 165 में से 143 मार्गों का निर्माण पूरा हो गया है। यथाशीघ्र अवशेष कार्यों को भी पूरा कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो। उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि देश में सर्वप्रथम यूपी पीडब्ल्यूडी द्वारा एफडीआर निर्माण तकनीक का प्रयोग किया गया। उन्नाव में एफडीआर का कार्य पुराने मार्ग को रिसाइकिल कर सीमेंट बेस एवं कानपुर देहात में एडिटिव का प्रयोग कर निर्माण कार्य कराया गया था। यह अच्छा प्रयोग था। हमारा प्रयास हो कि अन्य जिला मार्गों में बनने वाली कुल सड़कों का आधा इसी तकनीक से बनाया जाए। नवाचारों को अपनाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मार्ग पर वर्तमान पीसीयू पर प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न श्रेणी के मार्गों के चौड़ीकरण के मानकों को और बेहतर किया जाना चाहिए। सड़कें और चौड़ी हों, इससे आवागमन और अधिक सुविधाजनक होगा। नई सड़क पर बरसात से कटान हो तो उसका सुधारीकरण तत्काल कराया जाए।