चंडीगढ़ 28 मई। डेरा सच्चा सौदा के बाबा गुरमीत राम रहीम को रंजीत सिंह कत्ल केस में बरी कर दिया गया है। उनके समेत 5 लोगों को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने राहत दी है। हाईकोर्ट ने हत्याकांड की सुनवाई करते समय राम रहीम के खिलाफ दिया गया सीबीआई का फैसला पलट दिया है।
सीबीआई ने केस में बाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और 31 लाख का जुर्माना भी लगाया था। गांव खानपुर कोहलिया में डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह को गोली मारी गई थी। राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है और 2 मामलों में वह सजायाफ्ता है। ऐसे में वह इस केस में बरी होने के बावजूद जेल से बाहर नहीं आ पाएगा।
राम रहीम के वकील अजय वर्मन ने बताया कि 22 साल पुराने फैसले में साल 2021 में फैसला आया था। पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम समेत 4 लोगों के उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 19 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद राम रहीम को केस में दोषी करार दिया गया था। रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन कमेटी का मेंबर था।
10 जुलाई 2002 को रणजीत सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बेटे जगसीर सिंह ने हत्या करने का आरोप राम रहीम पर लगाया, क्योंकि उसने साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम खत लिखने का आरोप रणजीत सिंह पर लगाया था। यह वहीं खत था, जो पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के हाथ लगी थी और वह उसने अखबार में छाप दी थी।
पुलिस ने मामले में कार्रवाई की, लेकिन जगसीर ने जनवरी 2003 में एक याचिका दायर करके पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से मांग की कि हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। जांच सीबीआई को सौंपी गई और साल 2006 में राम रहीम के ड्राइवर रह चुके खट्टा सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए। साल 2007 में राम रहीम पर आरोप तय किए गए।
लंबी सुनवाई के बाद अक्टूबर 2021 में राम रहीम दोषी करार दिया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जबकि सीबीआई ने फांसी की सजा मांगी थी। राम रहीम ने सजा के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर आज फैसला आया। राम रहीम साध्वी यौन शोषण और पत्रकार छत्रपति मर्डर केस में भी उम्रकैद की सजा काट रहा है।