बहराइच 11 नवंबर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में बहराइच से पांच और आरोपियों को अरेस्ट किया गया. उसे नेपाल बॉर्डर से 19 किमी पहले नानपारा में पकड़ा गया। उसके 4 मददगार भी गिरफ्तार हुए हैं। शिव कुमार नेपाल भागने की फिराक में था। 12 अक्टूबर 2024 को अभिनेता सलमान खान के बेहद करीबी माने जाने वाले एनसीपी नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या की जिम्मेदारी जेल में बंद लारेंस विश्नोई के गैंग ने ली थी. मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच और यूपी एसटीएफ की संयुक्त टीम वारदात में शामिल लोगों की तलाश में जुटी हुई थी.
गिरफ्तार अन्य आरोपियों में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव, और अखिलेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं। सभी बहराइच के गंडारा गांव के रहने वाले हैं। ये शिव कुमार को शरण देने और नेपाल भागने में मदद कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक शिवा मुंबई में 12 अक्टूबर को हुए बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल था। हत्या के बाद से वह फरार था, जबकि उसके दो साथी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
शिव कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह लॉरेंस गैंग के लिए स्क्रैप डीलर शुभम लोनकर के जरिए काम करता था। बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए उसे 10 लाख रुपए देने का वादा किया गया था। हत्या के बाद शिव कुमार मुंबई से फरार होकर झांसी, लखनऊ होते हुए बहराइच पहुंचा और नेपाल भागने की प्लानिंग कर रहा था।
शिव कुमार ने पूछताछ में बताया, ‘मैं और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। पूना में स्क्रैप का काम करता था। मेरी और शुभम लोनकर की दुकान अगल-बगल थी। शुभम लोनकर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है। उसने मेरी बात स्नैप चैट के जरिए लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई से कई बार कराई है। अनमोल ने मुझसे कहा था कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बदले 10 लाख रुपए मिलेंगे। हर महीने भी कुछ न कुछ मिलता ही रहेगा।’
‘हत्या के लिए असलहा, कारतूस, सिम व मोबाइल फोन शुभम लोनकर और मोहम्मद यासीन अख्तर ने दिया था। हत्या के बाद आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नए सिम व मोबाइल फोन दिए गए थे। पिछले कई दिनों से हम लोग मुंबई में बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर की रात सही मौका मिलने पर हम लोगों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। उस दिन त्योहार होने के कारण भीड़भाड़ भी थी। जिसके कारण दो लोग मौके पर पकड़ लिए गए थे और मैं फरार हो गया।’
बताया जा रहा है कि हत्याकांड में शामिल शिवकुमार उर्फ शिवा, अनुराग, आकाश श्रीवास्तव, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी उर्फ ओम व अखिलेन्द्र प्रताप सिंह निवासीगण गंडारा को टीम ने घेराबंदी कर नानपारा के हांड़ा बसहरी इलाके से गिरफ्तार किया है. चार वाहनों से संयुक्त टीम लगातार जिले में सुबह से डेरा डाले हुए थी. सभी आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे. इसकी सूचना मिलने के बाद संयुक्त टीम ने सभी को धर दबोचा.
देर शाम नानपारा कोतवाली में पकड़े गए आरोपियों को अपनी कस्टडी में लेकर टीम मुंबई के लिए रवाना हो गई. गिरफ्तारी करने वाली टीम में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल मुनेंद्र सिंह, कांस्टेबल अजीत कुमार सिंह, चालक सुरेश सिंह व मुंबई क्राइम ब्रांच के एपीआइ अमोल माली, अजय विराजदार, मारुति कदम, एसआइ स्वप्निल काले, धात्रे, आरक्षी विकास चहाण, महेश शावंत, अनिल पवार, मुख्य आरक्षी महेश कुमार दादवड़, सचिन दुब्बल, महेश मूड़े, अमोल तोड़कर शामिल थे. इससे पहले भी कैसरगंज के गंडारा क्षेत्र से मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने धर्मराज कश्यप समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में पुलिस का कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.