लखनऊ, 22 मई। यूपी, दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में तेज बारिश और तूफानी हवाओं ने जबरदस्त तबाही मचाई। दिल्ली और एनसीआर में 79 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने पेड़ों और बिजली के खंभों को जड़ से उखाड़ दिया। यूपी में आंधी-बारिश और बिजली गिरने से 22 लोगों की जान चली गई। वहीं मौसम विभाग ने गुरुवार को 47 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
उत्तर प्रदेश में अचानक मौसम बदलने से आंधी और तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो गया. बुधवार की रात को सूबे के अलग-अलग जिलों में तेज हवा चलने के साथ-साथ भारी बारिश भी हुई. वहीं कई जगह आसमान से ओले भी गिरे. आंधी, बारिश के चलते हुए हादसों में अलीगढ़, नोएडा, बिजनौर, बागपत में एक-एक, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी और गाजियाबाद में दो-दो लोगों की मौत हो गई। वहीं बिजली गिरने से गाजियाबाद, गोरखपुर में एक, सोनभद्र और सहारनपुर में दो-दो लोगों की जान चली गई। मेरठ में तीन लोगों की मौत हो गई।
बदायूं जिले में तेज आंधी-बारिश के बाद जरीफनगर के कई गांवो में आग लगने से 80 से ज्यादा घर जल गए. ग्रामीणों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी आग लगने की सूचना दी थी. हालांकि तेज आंधी की वजह से रास्ते में कई पेड़ टूटकर गिरे हुए थे, जिसके चलते फायर ब्रिगेड और पुलिस समय पर नहीं पहुंच पाई. जैसे-तैसे पुलिस कर्मी बाइकों का इंतजाम करते खेतों से होकर गांव में पहुंचे. बताया जा रहा है कि इस हादसे में गांव में बड़ा नुकसान हुआ है. उनके घरों में रखा सारा सामान जल गया है. जिले की नगर पंचायत दहगवां, जरीफनगर, सोनखेड़ा, जमुनी और मालपुर ततेरा सहित कई गांवों में आंधी के दौरान आग लगी. आग की घटना के बाद एसपी देहात, एसडीएम सहसवान, तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम नुकसान का आंकलन कर रही है.
मुख्यमंत्री ने आंधी-बारिश, ओलावृष्टि, वज्रपात के दृष्टिगत सम्बन्धित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने निर्देश दिया है कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर सर्वे करें तथा राहत कार्य पर नज़र रखें. सीएम योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि आपदा से जनहानि और पशुहानि होने की स्थिति में प्रभावितों को तत्काल राहत राशि का वितरण करें. घायलों का समुचित उपचार कराया जाए. सर्वे कराकर फसल नुकसान का आंकलन करते हुए आख्या शासन को भेजें, ताकि इस संबंध में अग्रेत्तर कार्यवाही की जा सके. जल जमाव की स्थिति होने पर प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए.