दुबई. भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का करियर खत्म हो गया है. उन्होंने दुबई टेनिस चैंपियनशि में अपने करियर का आखिरी मैच खेल लिया है. सानिया ने पहले ही कह दिया था कि ये टूर्नामेंट उनके करियर का आखिरी मैच होगा. इस टूर्नामेंट के महिला युगल वर्ग के अपने पहले मैच में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. उनकी और अमेरिका की मेडिसन कीज की जोड़ी को वेरोनिका कुदेरमेतोवा और ल्यूडमिला सैमसोनोवा की जोड़ी के हाथों 6-4, 6-4 से हार का सामना करना पड़ा है.
वेरोनिका एकल में 11वें और युगल रैंकिंग में पांचवें नंबर पर हैं जबकि ल्यूडमिला युगल में 13वें स्थान पर हैं. 36 साल पहले सानिया 2003 में पेशेवर बनी थीं. उन्होंने अपने करियर में छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीते जिनमें तीन महिला युगल और इतने ही मिश्रित युगल के खिताब शामिल है. महिला युगल में उन्होंने अपने तीनों ग्रैंडस्लैम खिताब मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर जीते.अपने तीन मिश्रित युगल ग्रैंडस्लैम खिताब में से दो खिताब उन्होंने हमवतन महेश भूपति (2009 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन और 2012 में फ्रेंच ओपन) के साथ मिलकर जीते. उन्होंने ब्रूनो सोरेस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का खिताब जीता था.
दुबई ओपन में दोनों टीमों ने शुरू में एक दूसरे की सर्विस तोड़ी जिससे एक समय स्कोर 4-4 से बराबरी पर था. इसके बाद हालांकि रूसी जोड़ी ने सानिया और कीज की सर्विस तोड़ी और फिर अपनी सर्विस बचाकर पहला सेट अपने नाम किया.सानिया और उनकी जोड़ीदार ने दूसरे सेट के शुरू में ही अपनी सर्विस गंवा दी और इसके बाद वापसी करने में नाकाम रही.
सानिया से उम्मीद थी कि वह अपने शानदार करियर का अंत जीत के साथ करेंगी.सानिया की कोशिश भी थी कि वह अपने करियर के आखिरी टूर्नामेंट में खिताबी जीत हासिल करें लेकिन उनका ये सपना टूट गया है. इस खिलाड़ी ने हालांकि अपने करियर में काफी कुछ हासिल किया और भारत की बेटियों के लिए मिसाल बनीं.
मैच खत्म होने के बाद उन्होंने अपनी जोड़ीदार को गले लगाया और इस दौरान वह काफी भावुक नजर आ रही थीं. हाथ उठाकर उन्होंने दर्शकों का अभिवादन किया और अपने लंबे अंतर्राष्ट्रीय करियर को विराम दे दिया.