भ्रष्टाचार घोटालों और ब्रांडेड शोरूमों से हो रही आमदनी भी हो सकती है महंगाई का कारण

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वर्तमान में एक चर्चा समाज के रातों रात संपन्न हो रहे वर्ग को छोड़ दें तो खूब सुनने को मिल रही है कि कोरोना काल में उत्पन्न आर्थिक परेशानी एवं बेरोजगारी के बावजूद आजकल महंगी गाड़ियां ब्रांडेड कपड़ें और बड़े होटलों में ग्राहकों की भीड़ एवं ब्याह शादियों पर खर्च किया जा रहा बेइंतहा धन आखिर कहां से आ रहा है। जो निरंतर महंगे होते जा रहे सामानों की बिक्री कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है।
इस संदर्भ में जब नजर दौड़ाई गई तो दिखाई दिया कि एक वर्ग तो ऐसा है जो हमेशा से जमीन जायदाद और उद्योगों को मालिक है और कई दशकों से आर्थिक रूप से मजबूत है। और वो क्रय विक्रय करने में सक्षम भी है। उसकी अगर बात छोड़ दें तो एक नया वर्ग वह है जो बहुराष्ट्रीय कंपनी जगह जगह अपने शोरूम खोल रही हैं उनके कारण उभकर सामने आया है। जिन जमीनों से पैसा प्राप्त नहीं हो रहा था वहां ब्रांडेड शोरूम खुल जाने से लाखों रूपये महीना की आमदनी होने लगी है। ऐसा वर्ग भी अब क्रय शक्ति में मजबूत होने लगा है। तीसरा वर्ग वो बताया जाता है जो बड़े बड़े घोटाले कर रहा है लेकिन उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जानकारों का कहना है कि ऐसे प्रकरणों में शामिल ज्यादातर लोग करोड़ों का घपला कर लाखों खर्च कर बच जाते हैं और जो पैसा बचता है उससे इनकी खरीदने की शक्ति व ताकत बढ़ जाती है। चौथे वर्ग के बारे में जो चर्चा चलती है उसमे कितनी सच्चाई है कितनी नहीं यह तो करने वाले या जिनको लेकर होती है वो ही जान सकते हैं मगर इनके बारे में कहा जाता है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और यूपी सहित तमाम प्रदेशों के सीएम भ्रष्टाचार और लापरवाही खत्म करने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कारण कुछ भी हो इस संवर्ग में शामिल कुछ आधिकारी वर्ग के लोग हर काम में इतना घपला कर रहे हैं जिससे बेइंतहा आमदनी हो रही है तो दूसरी ओर इनकी इच्छा शक्ति धन कमाने के बढ़ जाने के चलते इनके द्वारा करप्शन को भरपूर बढ़ावा दिए जाने की चर्चा भी होती है और क्योंकि ज्यादातर संबंधित फाइलें चर्चाओं में रहने के बाद दब जाती है तो ऐसे लोग भी खरीददारी खानपान और विवाह शादियों तथा बच्चें के जन्मदिन आदि पर मोटा खर्च करते हैं। शायद इसीलिए महंगी गाड़ियों और उच्च वर्ग के खाने पीने व पहनने के सामान की कीमत आसमान को छू रही हैं जितना मेरी समझ में आया वो तो यही लगता है। आगे और महंगाई बढ़ने और खरीददारी की मांग होने के पीछे क्या हो सकता है यह तो भगवान जाने या चर्चा करने वाले। अथवा सरकार अपने सूत्रों से इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर सकती है। लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि ऐशपरस्ती के महंगे सामान खरीदने ब्रांडेड कपड़े पहनने और महंगे होटलों में खाना खाने की इच्छा ने कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। शायद तथ्यपरक रूप से इस बात को कोई भी इनकार नहीं कर सकता।

– रवि कुमार बिश्नोई

संस्थापक – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईना
राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय समाज सेवी संगठन आरकेबी फांउडेशन के संस्थापक
सम्पादक दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
आॅनलाईन न्यूज चैनल ताजाखबर.काॅम, मेरठरिपोर्ट.काॅम

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