लखनऊ. राजधानी लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में आज से तीन दिवसीय उत्सव का प्रारंभ हो गया है। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के गणमान्य लोग मौजूद हैं। उत्सव में शिल्प मेला, प्रदर्शनियां, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव में मशहूर गायक कैलाश खैर, निरहुआ और भक्ति गायक कन्हैया मित्तल के गीत भी गूंजेंगे।
इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश दिवस मनाने की शुरुआत 2017 में प्रदेश में डबल इंजन सरकार बनने के बाद से हुई। इस आयोजन से यूपी की सही तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। पिछले पांच वर्षों की विकास यात्रा में यूपी की पहचान बदली है। 2017 के पहले प्रदेश दंगों के प्रदेश के रूप में जाना जाता था। अब प्रदेश की पहचान एक्सपोर्ट प्रदेश के रूप में हो रही है।
आज सुबह राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उप मुख्य मंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान एवं खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव भी कार्यक्रम में शामिल हुए। एक बजे से रात आठ बजे तक उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। साथ ही भक्ति संगीत का आयोजन होगा, जिसमें कन्हैया मित्तल शामिल होंगे।
दूसरे दिन, बुधवार को दूसरे राज्यों के कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति, मोटा अनाज पर गोष्ठी, एसएसएमई, नई पयर्टन नीति, एग्रो एवं रूरल ईको टूरिज्म पर सेमिनार होगा। भोजपुरी सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित की जाएगी, जिसमें मशहूर लोक गायक दिनेश लाल निरहुआ शामिल होंगे। तीसरे दिन बृहस्पतिवार शाम सात से 8.30 बजे तक प्रमाण पत्र वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। समापन अवसर पर प्रख्यात गायक कैलाश खेर सूफी गायन पेश करेंगे।
स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
बताते चले कि आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत की जगह इसका नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया। वैसे महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के नेताओं द्वारा यूपी दिवस 1989 से मनाया जा रहा था। भाजपा नेता अमरजीत मिश्र इसका आयोजन करते थे। उनके बाद में राम नाइक के उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनते ही इसका सुझाव दिया। लेकिन, समाजवादी पार्टी सरकार ने इसे मंजूर नहीं किया। फिर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मई 2017 में हर वर्ष 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाने का ऐलान किया।